पॉश इलाके शास्त्रीनगर स्थित सेंट्रल मार्केट में 661/6 में अवैध कॉम्प्लेक्स की 22 दुकानों के ध्वस्तीकरण के बाद सैकड़ों व्यापारियों की धड़कनें तेज हो गई है, क्योंकि अब आवास विकास परिषद 31 और आवासीय प्लॉटों पर बनी इमारतों पर बुलडोजर चलाने की तैयारी में है। इसी कार्रवाई के विरोध में सेंट्रल मार्केट के व्यापारियों ने सोमवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू कर दी है। व्यापारी नेताओं में स्थानीय जनप्रतिनिधियों और सत्ताधारी दल के नेताओं के प्रति गहरा आक्रोश है।
यह वही बाजार है जो प्रतिदिन सुबह से रात्रि 10 बजे तक गुलजार रहता था, सड़क पर खरीदारों की चहल-पहल रहती थी, लेकिन वही मार्केट बंद होने के चलते अब सूना और शांत नजर आ रहा है। जिस जगह यह मार्केट बना हुए है वह आवास विकास परिषद के दस्तावेजों में आवासीय भवनों के लिए आवंटित हुआ था। 1990 के आसपास यहां कई लोगों ने अफसरों की मिलीभगत से उन आवासीय प्लॉटों पर व्यावसायिक कॉम्प्लेक्स और मार्केट खड़ा कर दिया। इसकी शिकायतें उच्चाधिकारियों से की गई, लेकिन हमाम में सभी एक जैसे थे, लिहाजा कुछ नहीं हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता ने आरटीआई और शिकायतें की, फलस्वरूप यह मामला अदालत तक पहुंचा, जिसके बीते शनिवार को तीन मंजिला इमारत को सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर ध्वस्त कर दिया गया। इस कार्रवाई में 22 दुकानें जमींदोज कर दी गईं। कार्रवाई के दौरान भारी पुलिस बल मौजूद रहा और अधिकारियों ने खुद मौके पर रहकर निगरानी की।
व्यापारी नेता और सेंट्रल मार्केट के अध्यक्ष जितेंद्र अग्रवाल ने बताया कि सेंट्रल मार्केट में ऐसी लगभग 100 दुकानें हैं, जिनसे करीब 10 हजार लोग जुड़े हुए हैं। अगर दुकानों को तोड़ दिया गया तो सैकड़ों परिवारों के सामने भूखों मरने की नौबत आ जाएगी। हमारी मांग है कि इन दुकानों को रेगुलराइज किया जाए। जो भी जुर्माना या शुल्क बनता है, वह व्यापारी देने को तैयार हैं, उन्होंने कहा कि धरना स्थल पर ही भोजन बनाने की व्यवस्था की गई है।
सभी व्यापारी सुबह से शाम तक यहीं धरने पर अपने परिवार के साथ बैठेगे हैं। अपनी दुकानें बंद कर दी हैं, लेकिन अब तक कोई अधिकारी बातचीत के लिए नहीं आया। इससे व्यापारी वर्ग बेहद आहत है। व्यापारियों में रोष है कि वह भाजपा के कोर वोटर है, उनकी ही सरकार में व्यापार पर तलवार चल रही है। जिस समय ध्वस्तीकरण चल रहा था भाजपा का कोई नेता और जनप्रतिनिधि आंसू पोंछने नही आया।
मेरठ सरधना विधानसभा क्षेत्र के विधायक अतुल प्रधान व्यापारियों के पास पहुंचे और उनके दर्द पर मरहम लगाते हुए कहा कि आज एकजुटता का समय है, मतभेद भूलकर सबको एक साथ बाजार उजड़ने से बचाने का प्रयास करना चाहिए। सरकार को रेगूलेशन बिल लाकर व्यापारियों के हितों के लिए काम करना चाहिए। भाजपा का एक प्रतिनिधिमंडल डीएम से मिला और गुहार लगाई कि आगामी दिनों में ध्वस्तीकरण के लिए चस्पा नोटिस पर कार्रवाई नही की जाए। डीएम वीके सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का हवाला देते हुए अपने हाथ खड़े कर दिए।
रिहायशी इलाके में व्यावसायिक गतिविधियों के चलते सुप्रीम कोर्ट ने ध्वस्तीकरण के निर्देश दिए हैं। इसी के विरोध में व्यापारियों ने बाजार बंद कर अनिश्चितकालीन धरना शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि यदि उनकी मांगें नहीं सुनी गईं तो आंदोलन और उग्र रूप ले सकता है। कुछ व्यापारियों ने चेतावनी दी है कि यदि हालात ऐसे ही बने रहे तो हम आत्मदाह जैसे कदम उठाने को भी मजबूर होंगे।
धरनास्थल पर लगातार भीड़ जुट रही है और व्यापारी अपने परिवारों के साथ वहीं डटे हुए हैं। भट्टी चढ़ चुकी है और खाना बन रहा है। इसी के चलते प्रशासन की अगली कार्रवाई को लेकर पूरे बाजार में असमंजस और तनाव का माहौल बना हुआ है। Edited by : Sudhir Sharma