अनुसंधानकर्ताओं ने अपने अध्ययन में योग के सिर्फ व्यायाम वाले भाग को शामिल किया है, इसमें प्राणायाम और ध्यान शामिल नहीं हैं। उन्होंने ऐसे आसनों के आधार पर विश्लेषण किया है जिसमें व्यक्ति कम से कम 50 प्रतिशत समय शारीरिक रूप से सक्रिय हो।
यूनिवर्सिटी ऑफ साउथ ऑस्ट्रेलिया और यूनिवर्सिटी ऑफ न्यू साउथ वेल्स की एक मेडिकल अनुसंधानकर्ताओं की टीम ने अपने अध्ययन में पाया कि योग करने से ऐसे लोगों का मानसिक स्वास्थ्य बेहतर होता है जो अवसाद ग्रस्त हैं, किसी घटना के कारण तनाव से गुजर रहे हैं, जिन्हें सिजोफ्रेनिया, बेचैनी, शराब की लत और बाइपोलर दिक्कतें हैं। टीम का कहना है कि व्यक्ति लगातार योग करे तो उससे व्यक्ति का मानसिक स्वास्थ्य ठीक होता है।(भाषा)