स्वास्थ्य विभाग की तरफ से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि डोर-टू-डोर मेडिकल स्कैनिंग में जरा-सा भी लक्षण पाए जाने की स्थिति में तत्काल प्रभाव से इलाज के लिए व्यक्ति को भर्ती कराया जाएगा और इसकी शुरुआत सरकार के निर्देश पर यूपी के मेरठ मंडल से होने की तैयारी है। इसके ठीक बाद यूपी के बाकी के मंडलों में भी इस अभियान को तेजी से चलाए जाने की योजना है।
बताते चलें कि उत्तरप्रदेश के मुख्य सचिव आरके तिवारी अनलॉक व्यवस्था की समीक्षा बैठक कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि कोरोनावायरस महामारी को हर हाल में समाप्त करना है और प्रदेश में कोई भी ऐसा व्यक्ति न रह जाए जिसकी जांच न हो पाई हो इसलिए उत्तरप्रदेश में शत-प्रतिशत घरों की स्क्रीनिंग की व्यवस्था के लिए रणनीति तैयार की जाए। जिस तरह पल्स पोलियो अभियान चलाया जाता है, उसी की तर्ज पर मेडिकल स्क्रीनिंग को कराया जाए और घरों के बाहर मार्किंग भी की जाए।