डॉ. निशंक ने सोमवार को यहां लॉकडाउन के दौरान देशभर के अभिभावकों को संबोधित करते हुए एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी। जब उनसे यह पूछा गया कि सीबीएसई की शेष परीक्षाएं कब होंगी, उन्होंने बताया कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के 29 मूल विषयों के जिन पेपरों की परीक्षाएं नहीं हुई हैं, उनकी परीक्षाएं अब 3 मई के उपरांत लॉकडाउन खत्म होने बाद ही होंगी, लेकिन जो वैकल्पिक विषय हैं उनकी परीक्षाएं नहीं होंगी और आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर उनका निर्णय किया जाएगा।
डॉ. निशंक ने शिक्षकों से यह भी अपील की कि वे मानव संसाधन विकास मंत्रालय के दीक्षा और अन्य प्लेटफार्म पर अधिक से अधिक अपने लेक्चर पोस्ट करें ताकि अधिक से अधिक छात्र लॉकडाउन के दौरान ऑनलाइन शिक्षा ग्रहण कर सकें। उन्होंने बताया कि लॉक डाउन के दौरान करीब 16 करोड़ छात्रों ने ऑनलाइन शिक्षा का इस्तेमाल किया है। करीब 12 करोड़ छात्रों ने स्वयं प्रभा पोर्टल का इस्तेमाल किया है।
निशंक ने बताया कि 1086 ई-पाठ्यक्रम उपलब्ध हैं। 2000 से अधिक ऑडियो और 996 ई-बुक भी उपलब्ध है, जिससे छात्र लाभान्वित हो सकते हैं। उन्होंने बताया कि ऑनलाइन शिक्षा के बारे में छात्रों अभिभावकों और अध्यापकों ने उन्हें कई सुझाव दिए हैं और उन सुझावों पर अध्ययन किया जा रहा है ताकि उनमें से कुछ को भविष्य में लागू किया जा सके।
डॉ. निशंक ने यह भी कहा कि लॉकडाउन के दौरान छात्र पाठ्य पुस्तकों के अलावा अन्य पुस्तकें भी पढ़ें और इसके लिए एक ट्विटर अभियान भी शुरू किया गया। देश भर के आईआईटी जैसे प्रौद्योगिकी संस्थानों एवं अन्य शैक्षणिक संस्थानों में हो रहे शोध कार्यों के लिए युक्ति नामक एक प्लेटफार्म भी लांच किया गया है। छात्र इससे भी लाभ उठा सकते हैं। (वार्ता)