फेसबुक का आरोप है कि बसंत गज्जर की कंपनी ‘लीडक्लोक’ ने कोरोना वायरस, क्रिप्टोकरेंसी, वजन घटाने की दवाओं इत्यादि से जुड़ी फर्जी जानकारियों और विज्ञापनों को धोखा देने के लिए ‘एड-क्लोकिंग’ सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराया। इससे कंपनी के फेसबुक और इंस्टाग्राम जैसे मंचों पर उपयोगकर्ताओं को भ्रामक विज्ञापन देखने पड़े। फेसबुक ने अपनी विज्ञापन समीक्षा की स्वचालित प्रक्रिया की समीक्षा के दौरान यह पता लगाया।
फेसबुक ने विधि विभाग की निदेशक जेसिका रोमेरो ने एक बयान में कहा कि थाइलैंड के गज्जर ने ‘लीडक्लोक’ नाम का उपयोग कर कंपनी की विज्ञापत नीति का उल्ल्घंन किया है। लीडक्लोक का शिकार गूगल, ओथ, वर्डप्रेस, शॉपिफाई और अन्य कंपनियां भी बनी हैं।
इस मामले में लीडक्लोक के सॉफ्टवेयर का इस्तेमाल वैश्विक महामारी संकट कोरोना वायरस, क्रिप्टोकरेंसी, दवा, और फर्जी खबरों के पेजों के बारे में भ्रामक जानकारियां साझा करने में किया गया। (भाषा)