दिल्ली के पहले Corona मरीज ने कहा- सावधान रहें, हालात नहीं हुए हैं सामान्य
बुधवार, 28 अक्टूबर 2020 (17:42 IST)
नई दिल्ली। विशेषज्ञों का आकलन है कि आने वाले महीनों में दिल्ली में कोविड-19 मरीजों की संख्या में वृद्धि होगी। इस बीच, राष्ट्रीय राजधानी के पहले मरीज ने बुधवार को लोगों को आगाह करते हुए कहा कि आगामी त्योहारों के मौसम में वे घरों में ही रहें क्योंकि हालात सामान्य नहीं हुए हैं।
रोहित दत्ता जिनके एक मार्च 2020 को कोविड-19 होने की पुष्टि हुई थी ने लोगों से अपील की कि वे उत्सव के समय एहतियाती उपायों को नजरअंदाज नहीं करें।
दत्ता (46) ने फोन पर कहा कि मुझे कोविड-19 होने की पुष्टि तब हुई जब वायरस चीन और कुछ देशों में पहले ही तबाही मचा चुका था। मैं दिल्ली का पहला कोविड-19 मरीज था। उस समय भय और अस्थिरता बहुत थी। हालांकि, तमाम अनुसंधान के बावजूद अब भी वायरस के व्यवहार का पूर्वानुमान नहीं लगाया जा सकता है।
उन्होंने आगाह करते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को दोबारा खोल दिया गया है, लेकिन लोगों को इस बात का ख्याल रखना चाहिए कि दिल्ली में ‘सामान्य हालात’ की वापसी नहीं हुई है।
उन्होंने उन लोगों का संदर्भ दिया जो बिना मास्क पहने घर से बाहर निकल रहे हैं और सामाजिक दूरी के नियमों का उल्लंघन कर रहे हैं। उन्होंने सोशल मीडिया पर पार्टी करने की तस्वीर साझा कर रहे उन युवाओं का उदाहरण दिया जो ऐसा व्यवहार कर रहे हैं कि अब सब कुछ ठीक हो गया है।
दत्ता ने कहा कि अब भी हालात ठीक नहीं हुए हैं और टीके पर काम हो रहा है। इस त्योहार के मौसम में लक्षण वाले और बिना लक्षण वाले संक्रमितों के जरिए बड़े पैमाने पर संक्रमण फैलने की आशंका है।
दिवाली से पहले उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि जरूरी होने पर ही घरों से पूरी एहतियात के साथ निकले। दत्ता ने लोगों से अपील करते हुए कहा कि अगर आप अपने परिवार से प्यार करते हैं तो इस दिवाली अपने घरों पर ही रहें।
पत्नी, मां और दो बच्चों के साथ पूर्वी दिल्ली के मयूर विहार में रहने वाले दत्ता से जब दिवाली की योजना के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह परिवार और प्रकृति से रिश्तों को मजबूत करने का उत्सव है। गत दो साल से मेरे परिवार ने पटाखे नहीं जलाए हैं। इस बार भी हम घर से बिल्कुल नहीं निकलेंगे।
उन्होंने कहा कि प्रकृति की ताकत का अहसास करने के लिए दीया जलाएंगे और मिठाई बांटेंगे व परिवार के सदस्यों के साथ खुशी मनाएंगे। दत्ता ने कहा कि जान है तो जहान है और मैं मानता हूं कि इस समय यही जीवन का मंत्र है। (भाषा)