लोक स्वास्थ्य विशेषज्ञ ने ट्विटर पर यह विश्लेषण साझा किया जिसमें दिखाया गया कि भारत में प्रत्येक मामले पर कितने ऐसे मामले थे जिनका पता नहीं चला। हालांकि, उन्होंने स्पष्ट किया कि इसका मतलब यह नहीं है कि ऐसा जानबूझकर किया गया लेकिन यह रोग निगरानी प्रणाली के प्रदर्शन और मामलों से निपटने में राज्य के कदमों को दर्शाता है।
लहरिया ने कहा कि कई मामले बिना लक्षण वाले थे जिससे उनका पता नहीं चला। अगर सही से मरीजों के संपर्क का पता किया जाता तो बिना लक्षण वाले मामलों का भी पता चल सकता था। यह इस तथ्य से परिलक्षित होता है कि कुछ राज्यों ने दूसरों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है क्योंकि वे अन्य राज्यों की तुलना में अधिक मामले सामने ला पाए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने बुधवार को देश के 70 जिलों में आईसीएमआर द्वारा किए गए राष्ट्रीय सीरो सर्वेक्षण के चौथे चरण के निष्कर्षों को शेयर किया। मध्यप्रदेश 79 प्रतिशत सीरो उपस्थिति के साथ तालिका में सबसे आगे है वहीं 44.4 प्रतिशत के साथ केरल में सीरो की सबसे कम मौजूदगी मिली। इसके बाद 50.3 प्रतिशत के साथ असम और 58 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र का स्थान है।