पूर्व आप विधायक जरनैल सिंह का कोरोना से निधन, चिदंबरम पर जूता फेंकने को लेकर आए थे सुर्खियों में

शुक्रवार, 14 मई 2021 (17:14 IST)
नई दिल्ली। दिल्ली के पूर्व विधायक जरनैल सिंह का कोविड-19 संबंधी जटिलताओं के कारण शुक्रवार को निधन हो गया। वे 48 वर्ष के थे। उनके परिवार ने इस बारे में बताया। सिंह के भाई करनैल सिंह ने बताया कि सिंह पिछले 12-13 दिन से राजीव गांधी सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में भर्ती थे। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने आम आदमी पार्टी (आप) के पूर्व विधायक जरनैल सिंह के निधन पर शुक्रवार को शोक जताया।

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केजरीवाल ने ट्वीट किया कि दिल्ली के पूर्व विधायक जरनैल सिंहजी के असामयिक निधन से मैं बेहद दु:खी हूं। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे। समाज में उनके योगदान के लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा। सिसोदिया ने सिंह को एक ऐसे व्यक्ति के तौर पर याद किया जिन्होंने 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी।
 
उन्होंने ट्वीट किया कि दिल्ली विधानसभा में पूर्व साथी रहे जरनैल सिंह के निधन का समाचार हम सबके लिए दुखद है। 1984 के नरसंहार के पीड़ित परिवारों के न्याय के लिए लड़ने वाली एक बुलंद आवाज हमारे बीच से चली गई। ईश्वर उन्हें अपने चरणों में जगह दे। पेशे से पत्रकार रहे सिंह ने 1984 के सिख विरोधी दंगा मामले में 2009 में कांग्रेस नेताओं को क्लीनचिट दिए जाने पर टिप्पणी के विरोध में तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम पर अपना जूता फेंका था।

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इसके कारण सिंह के संगठन ने उन्हें निकाल दिया जिसके बाद उन्होंने अपनी कंपनी रिवर्स ओसमोसिस की शुरुआत की और 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों के परिवारों के लिए काम जारी रखा। जब नवगठित आम आदमी पार्टी (आप) ने 1984 के सिख विरोधी दंगा पीड़ितों को न्याय दिलाने का भरोसा दिया तो वे पार्टी में शामिल हो गए और पार्टी का सिख चेहरा बन गए। 2014 में पार्टी ने उन्हें पश्चिम दिल्ली से उम्मीदवार बनाया लेकिन भाजपा के प्रवेश सिंह वर्मा से उन्हें शिकस्त मिली।
 
हालांकि 2015 में उन्होंने राजौरी गार्डन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ा और तत्कालीन विधायक मनजिंदर सिंह सिरसा को पराजित किया। विधायक के तौर पर उनका कार्यकाल बेहद कम समय का रहा। 2015-16 में जब आप पंजाब में खुद को स्थापित करने का प्रयास कर रही थी, तब सिंह को पार्टी के कार्य के लिए पंजाब में नियुक्त किया गया।  2017 के पंजाब विधानसभा चुनाव में उन्हें राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के खिलाफ चुनाव मैदान में उतारा गया जिसमें उनकी हार हुई।

 
जरनैल सिंह कहा करते थे कि अरविंद (केजरीवाल) मेरे घर आए थे और उन्होंने मेरी मां से अनुरोध किया था कि मैं बादल के खिलाफ चुनाव लडूं।  हालांकि चुनाव में हार से पार्टी में उनका कद थोड़ा कम हुआ। पिछले अगस्त में अपने फेसबुक अकाउंट पर हिन्दू देवताओं के खिलाफ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी के साथ तस्वीर पोस्ट करने के बाद आप से उन्हें निलंबित कर दिया गया। सोशल मीडिया पर आलोचना के बाद उन्होंने यह पोस्ट हटा दिया और दावा किया कि ऑनलाइन क्लास के दौरान उनके बेटे ने गलती से यह तस्वीर पोस्ट कर दी थी। (भाषा)

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