आधिकारिक बयान के अनुसार चिकित्सीय और टीकों का एक क्लिनिकल परीक्षण जल्द शुरू किया जाएगा। इसका उद्देश्य उच्च गुणवत्ता वाले परीक्षणों में मदद करना और अनावश्यक दोहराव से बचना है। बयान में ब्रिटेन के स्वास्थ्य मंत्री के हवाले से कहा गया कि इसमें (समझौता) क्लिनिकल परीक्षणों, सुरक्षित टीकों तक त्वरित एवं व्यापक पहुंच, डेटा का बेहतर इस्तेमाल, अधिक उत्तम स्वास्थ्य निगरानी उपकरण, देशों के बीच अधिक से अधिक सहयोग के जरिए हम सभी को सुरक्षित बनाने के कई उपाय शामिल किए गए हैं।
जी7 देश परीक्षणों और टीकाकरण प्रमाणपत्रों को पारस्परिक रूप से मान्यता देने पर साथ मिलकर काम करने के लिए भी सहमत हुए हैं। जी7 समूह में कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, ब्रिटेन और अमेरिका शामिल हैं।(भाषा)