दरअसल पीआईबी फैक्ट चेक के हैंडल से फेसबुक और इंस्टाग्राम पर एक पोस्ट शेयर की गई थी। इसमें PIB ने एक वायरल पोस्ट का खंडन किया गया था, जिसमें फ्रांस के नोबल विजेता लुक मॉन्टेग्नियर के हवाले से दावा किया जा रहा था कि कोरोना वैक्सीन लगवाने वाले व्यक्ति की दो सालों में मौत हो सकती है।
इंडियन एक्सप्रेस की खबर के अनुसार, इस पोस्ट को दोनों प्लेटफॉर्म्स ने बगैर किसी स्पष्टीकरण के हटा दिया। साथ ही फेसबुक ने एक चेतावनी भी जारी की, जिसमें कहा गया कि 'झूठी खबरें' शेयर करने के कारण PIB के पेज को अनपब्लिश किया जा सकता है। इस पर बवाल मच गया। पीआईबी ने इस मामले से आईटी मंत्रालय को अवगत कराया।