सूत्रों ने कहा 18 मई को हुई अंतर-मंत्रालयी बैठक में कोविड-19 रोगियों के इलाज में इस्तेमाल की जा रही दवाओं और टीकों की उपलब्धता बढ़ाने के विकल्पों पर चर्चा की गई, जिनमें स्वैच्छिक लाइसेंस, अनिवार्य लाइसेंस और पेटेंट अधिनियम, 1970 के तहत सरकारी इस्तेमाल को मंजूरी देने जैसे विकल्प शामिल हैं।
विदेश मंत्रालय ने 'कोविशील्ड' के निर्माता एस्ट्राजेनेका से बात कर उसे भारत में और अधिक स्वैच्छिक लाइसेंस देने के लिए प्रोत्साहित करने का भी सुझाव दिया है। सूत्रों ने कहा कि जहां तक फाइजर के टीके की बात है तो उद्योग संवर्धन एवं आंतरिक व्यापार विभाग (डीपीआईआईटी) इस मामले पर विदेश मंत्रालय, नीति आयोग, और विधि सचिव से चर्चा कर फाइजर द्वारा प्रस्तावित क्षतिपूर्ति और दायित्व समझौते के मुद्दे पर स्थिति रिपोर्ट तैयार करेगा।