नई दिल्ली। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शुक्रवार को कहा कि पिछले एक सप्ताह में 6.2 दिन में देश में कोरोना वायरस (Corona virus) के मामलों की संख्या दोगुनी हुई, जबकि देशभर में लॉकडाउन लागू किए जाने से पहले यह दर 3 गुनी थी।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कोविड-19 की स्थिति पर ताजा जानकारी के बारे में अपनी दैनिक मीडिया ब्रीफिंग में दावा किया कि कोरोना वायरस संक्रमण से सही होने वाले और संक्रमण से मौत की संख्या के अनुपात के मामले में भारत अन्य कई देशों से बेहतर काम कर रहा है।
उन्होंने कहा, अगर भारत में 80 प्रतिशत रोगी सही हो रहे हैं और 20 प्रतिशत मामलों में मौत की बात पता चल रही है तो मानकों के अनुसार भारत इस अनुपात के मामले में अन्य कई देशों से थोड़ा बेहतर कर रहा है।अग्रवाल ने कहा, लॉकडाउन के पहले कोरोना वायरस के मामलों के दोगुने होने की दर तीन दिन थी।
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पिछले सात दिन के मामलों को देखें तो मामलों की संख्या दोगुनी होने की दर 6.2 हो गई है। 19 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में मामले दोगुने होने की दर राष्ट्रीय औसत से कम है।स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारी ने यह भी कहा कि जांच के कारण मामलों में 40 प्रतिशत की गिरावट भी आ गई है जिनमें श्वसन संबंधी गंभीर संक्रमण (एसएआरआई) और इन्फ्लुएंजा जैसी बीमारी (आईएलआई) के भी मामले हैं।
उन्होंने कहा कि अब तक कोविड-19 के लिए देशभर में 1,919 विशेष अस्पताल तैयार किए गए हैं जिनमें 1.73 लाख पृथक बिस्तर और 21,800 आईसीयू बैड तैयार किए गए हैं।
अग्रवाल ने कहा कि 24 घंटे में भारत में कोरोना वायरस के मामलों में 1,007 का इजाफा हुआ है और 23 मौत के मामले सामने आए हैं। इसके बाद देश में संक्रमण के कुल मामलों की संख्या 13,387 हो गई है और मरने वालों की संख्या 437 पहुंच गई है।
उन्होंने बताया कि अब तक 1,749 लोग सही हो गए हैं जो कुल रोगियों का 13.06 प्रतिशत हैं। अग्रवाल ने बताया कि चीन से गुरुवार को पहुंचीं पांच लाख रैपिड एंटीबॉडी जांच किट को राज्यों में उन जिलों के लिए वितरित किया जा रहा है जहां संक्रमण के मामले अत्यधिक हैं।
भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वैज्ञानिक डॉ. रमन आर. गंगाखेड़कर ने कहा कि देश में अब तक कोविड-19 की 3,19,400 जांच की गई हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से 28,340 नमूनों की जांच वार को की गई जिनमें से 23,932 जांच आईसीएमआर की 183 प्रयोगशालाओं में की गई।
अग्रवाल ने बताया कि एक मंत्रिसमूह ने शुक्रवार को लॉकडाउन के बारे में खाका तैयार करने के लिए बैठक की जिसमें जांच, टीकों, दवाओं, अस्पताल के उपकरणों आदि में विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थानों के प्रयासों की समीक्षा भी की गई। (भाषा)