याचिका में कहा गया है कि कोविड-19 के मामले बढ़ने पर प्रदेश सरकार ने कई अस्पतालों को कोविड-19 अस्पताल घोषित किया और उसके 3 जून तक के आदेश में अधिकारियों ने 3 निजी अस्पतालों मूलचंद खैरातीलाल अस्पताल, सरोज सुपर स्पैशियलिटी अस्पताल और सर गंगाराम अस्पताल को कोविड अस्पताल घोषित किया। ये अस्पताल आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग (ईडब्ल्यूएस) मरीजों को 10 प्रतिशत आईपीडी और 25 प्रतिशत ओपीडी सेवाएं मुहैया कराने के लिए बाध्य हैं।
याचिकाकर्ता ने कहा कि उन्होंने इन निजी कोविड-19 अस्पतालों में से एक का परिपत्र देखा जिसमें कोविड-19 मरीज के लिए न्यूनतम बिल 3 लाख रुपए तय किया गया और कहा गया कि मरीज को 2 बेड/3 बेड श्रेणी में 4 लाख रुपए अग्रिम भुगतान करने पर ही भर्ती किया जाएगा और अकेले कमरे के लिए 5 लाख रुपए तथा आईसीयू के लिए 8 लाख रुपए का बिल देना होगा।