विदुर ने पूछा- 'वत्स युधिष्ठिर! यदि जंगल में भीषण आग लग जाए तो कौनसे जानवर सुरक्षित रहेंगे? युधिष्ठिर ने कहा- तात, जंगल में आग लगने पर स्वछंद और निर्भय घूमने वाले, शेर चीते, हाथी और सबसे तेज भागने वाले हिरण आदि सारे जानवर जलकर राख हो जाएंगे, परंतु बिलों में रहने वाले चूहे सुरक्षित रहेंगे। जंगल की अग्नि शांत होने के बाद वे पुनः बिलों से बाहर निकलकर पूर्ववत और शांतिपूर्ण जीवन व्यतीत कर सकेंगे।
कहने का तात्पर्य यह है कि न सिर्फ दुनिया बल्कि भारत के वर्तमान हालात भले ही महाभारत काल जैसे नहीं हैं, लेकिन उससे सीख लेकर हम कोरोना वायरस (Corona Virus) जैसी खतरनाक और तेजी से फैल रही बीमारी से लड़ सकते हैं।
यदि हम बिलों में यानी अपने घर के भीतर ही रहेंगे तो इस वायरस का संक्रमण बढ़ नहीं पाएगा और जो लोग संक्रमित हैं उनको समय पर इलाज भी मिल पाएगा। अत: हम इस कहानी से सबक लें और अपने घरों में रहकर इस आग से न सिर्फ स्वयं को बल्कि अपने परिवार, शहर और देश को भी बचा सकते हैं।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि कोरोना वायरस से दुनियाभर में 42 हजार 500 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और संक्रमण का आंकड़ा 9 लाख के आसपास पहुंच चुका है। अत: इसे हलके में लेना न सिर्फ मूर्खता होगी बल्कि आत्मघाती कदम भी होगा। क्योंकि कोरोना रूपी दुर्योधन के 'लाक्षागृह' में पूरी दुनिया तिल-तिल कर जल रही है। ...तो घर में रहिए, सुरक्षित रहिए...