सीसीएमबी के निदेशक राकेश मिश्रा ने बताया कि करीब 10 दिन पहले शुरू हुए अध्ययन का उद्देश्य यह जानना है कि क्या वायरस वास्तव में हवा के जरिए फैल सकता है और यदि ऐसा होता है तो यह कितनी दूर तक जा सकता है और कितनी देर तक मौजूद रह सकता है? इसका मुख्य मकसद संक्रमित से वाजिब दूरी तय कर स्वास्थ्यकर्मियों की मदद करना है।
अध्ययन के तहत गहन देखभाल इकाई (आईसीयू) या कोविड-19 वार्ड जैसे अस्पताल के विभिन्न स्थानों से मरीज के 2, 4 और 8 मीटर जैसी अलग-अलग दूरी से 'एयर सैम्पलर' का इस्तेमाल करके नमूने एकत्र किए जाएंगे। मिश्रा ने कहा कि इसका लक्ष्य यह पता लगाना है कि वायरस कितनी दूर तक जा सकता है और कितनी देर तक हवा में रह सकता है?
उन्होंने कहा कि इसके जरिए यह पता लगाना चाहते हैं कितनी दूरी सुरक्षित है? यह स्वास्थ्य सेवा कर्मियों की सुरक्षा को बेहतर बनाने की एक रणनीति है। वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद के तहत सीसीएमबी, आधुनिक जीव विज्ञान के प्रमुख क्षेत्रों का एक प्रमुख अनुसंधान संगठन है। (भाषा)