क्वारंटाइन काल में उपयोगी है आयुर्वेद का यह करामाती काढ़ा

वृजेन्द्रसिंह झाला

सोमवार, 4 मई 2020 (10:59 IST)
वैश्विक महामारी कोविड-19 (Corona Virus) भारत समेत पूरी दुनिया संकट में है। सबसे खास बात यह है कि भारत की परंपरागत आयुर्वेदिक औषधियां न सिर्फ व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ा रही हैं, बल्कि इस बीमारी के संक्रमण से लड़ने में भी मदद कर रही है। मध्यप्रदेश सरकार इन्हें लोगों के बीच निशुल्क वितरण करवा रही है। अपने संदेश में मुख्‍यमंत्री शिवराजसिंह चौहान ने भी कहा है कि एक करोड़ परिवारों में इन दवाओं का वितरण निशुल्क करवाया जा रहा है। 
 
शासकीय स्वशासी अष्टांग आयुर्वेदिक महाविद्यालय एवं चिकित्सालय के प्रधानाचार्य डॉ. सतीश शर्मा ने बताया कि महाविद्यालय एवं चिकित्सालय की टीमें करीब 3 लाख लोगों को आयुर्वेदिक औषधियों का वितरण कर चुकी हैं। उन्होंने बताया कि इन औषधियों में त्रिकटु चूर्ण, संशमनी वटी, अणु तेल और आर्सेनिक एल्बम 30 शामिल हैं। ये सभी औषधियां व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने का काम करती हैं। 
 
डॉ. शर्मा ने बताया कि जिला प्रशासन ने कन्टेनमेंट इलाकों में विशेष रूप से यह दवाइयां वितरण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि महाविद्यालय परिसर में ही दवाई की पैकिंग की जा रही है साथ ही काढ़ा भी तैयार किया जा रहा है, जिसे क्वारंटाइन सेंटर में मरीजों को वितरित किया जा रहा है। 
उन्होंने बताया कि हर झोन में आयुष की अलग-अलग टीमें काम कर रही हैं। स्थानीय लोग न सिर्फ टीम का सहयोग कर रहे हैं बल्कि सदस्यों का उत्साहवर्धन भी कर रहे हैं। डॉ. शर्मा ने बताया कि एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. धर्मेन्द्र शर्मा, डॉ. अखिलेश भार्गव, डॉ. सुब्रत दास अधिकारी, डॉ. सुब्रत नायक, डॉ. प्रीति, डॉ. विमल अरोड़ा के नेतृत्व में दवाइयों की पैकेजिंग से लेकर वितरण का कार्य सुचारु रूप से चल रहा है। 
 
प्रधानाचार्य डॉ. शर्मा ने बताया कि आरोग्य कषायम-20 नामक काढ़े का शास्त्रीय विधि से महाविद्यालय परिसर में निर्माण किया जा रहा है, जिसे क्वारंटाइन सेंटर में मरीजों को वितरित किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस काढ़े के सेवन से क्वारंटाइन केसेस की अगली स्टेज में जाने की संभावना कम हो सकती है। डॉ. शर्मा ने बताया कि यदि व्यक्ति चाहे तो इस काढ़े को घर में भी तैयार कर सकता है। वेबदुनिया के पाठकों के लिए डॉ. शर्मा ने काढ़ा निर्माण की विधि भी बताई।
काढ़ा बनाने के लिए सामग्री : गुडुची 4 ग्राम, शुंठी (सौंठ) 4 ग्राम, भूम्यामलकी 3 ग्राम, यष्ठीमधु 2 ग्राम, हरितकी 2 ग्राम, पिप्पली 2 ग्राम, मरीच 3 ग्राम। 
 
निर्माण विधि : उक्त सभी द्रव्यों (20ग्राम) को 400 मिलीलीटर पानी में उबालें। इसे तब तक उबालें जब तक ये 200 मिलीलीटर यानी आधा न रह जाए। यदि ज्यादा मात्रा में काढ़ा तैयार करना हो तो सामग्री को इसी अनुपात में बढ़ा दें। 
 
सेवन विधि : इसमें गुड़ मिलाकर 100 मिलीलीटर सुबह एवं 100 मिलीलीटर शाम के समय लें। मधुमेह (डायबिटीज) के रोगी इसे बिना गुड़ के सेवन करें।
 
 

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