नई दिल्ली। एक राज्य से दूसरे राज्य की यात्रा करने वाले स्वस्थ लोगों के लिए आरटी-पीसीआर जांच कराने की जरूरत पर पूरी तरह रोक लगायी जा सकती है क्योंकि ऐसी जांच प्रयोगशालाओं पर बोझ बढ़ा रही हैं। भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) ने देश में महामारी की दूसरी लहर के दौरान कोविड-19 की जांच के लिए अपने परामर्श में यह सिफारिश की है।
परामर्श में कहा गया है कि आरएटी या आरटी-पीसीआर जांच में संक्रमित पाए गए लोगों को दोबारा आरटी-पीसीआर जांच नहीं कराना है और संक्रमण से उबर चुके लोगों को अस्पतालों से छुट्टी दिए जाने के दौरान भी जांच कराने की जरूरत नहीं है। कोविड-19 से प्रयोगशालाओं के कर्मचारियों के संक्रमित होने और मामलों के अत्यधिक बोझ के कारण संभावित जांच के लक्ष्य को पूरा करने में आ रही चुनौतियों के मद्देनजर यह परामर्श जारी किया गया है।