न्यायमूर्ति विपिन सांघी और न्यायमूर्ति रेखा पल्ली की पीठ ने कहा कि पहले जहां जांच की संख्या एक लाख के आसपास थी, वह अब घटकर 70-80 हजार प्रतिदिन हो गई है। पीठ ने कहा कि आपकी जांच में भारी कमी आई है। अदालत ने दिल्ली सरकार से इस बारे में बताने के लिए कहा है।
याचिकाकर्ता का प्रतिनिधित्व कर रहे अधिवक्ता अंकुर महेंद्रू ने कहा कि जांच में कोई प्रगति नहीं है और सरकार मोहल्ला क्लीनिक और सचल क्लीनिकों में रैपिड एंटीजन टेस्ट के साथ शुरुआत कर सकती है। उन्होंने कहा कि जांच के लिए निषिद्ध क्षेत्रों और अस्पतालों में मोबाइल वैन तैनात की जा सकती हैं और ऐसी जांच का इस्तेमाल मरीजों के तिमारदारों द्वारा किया जा सकता है।
इस बीच, एक ऑक्सीजन रिफिलर 'सेठ एयर' के वकील ने धन की कमी का मुद्दा उठाया और कहा कि उसे ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए जो आवंटन किया गया है, वह बहुत अधिक है और उसकी क्षमता से अधिक है। उसने कहा कि वह इतनी आपूर्ति करने में असमर्थ है, इस पर अदालत ने कहा कि इसे दिल्ली सरकार को देखना होगा।