परिजनों का आरोप है कि उन्होंने एंबुलेंस के लिए फोन लगाया, लेकिन एम्बुलेंस नहीं आई। जब एम्बुलेंस नहीं पहुंची तो पुत्र सईद और परिजन बुजुर्ग को स्कूटर से ही हॉस्पिटल लेकर पहुंचे, लेकिन इससे पहले कि उन्हें इलाज
आपको बता दें कि 3 दिन पहले भी जिले के आदिवासी विकासखंड खालवा से 108 पर 3 घंटे फोन लगाने पर भी एम्बुलेंस नहीं मिलने से एक बच्चे की मौत हो गई थी, जिसे सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से जिला अस्पताल रेफर किया गया था।
उल्लेखनीय है कि इससे पहले मध्यप्रदेश के ही इंदौर शहर में इस तरह की घटना हुई थी, जिसमें परिजन एम्बुलेंस एवं अन्य साधन नहीं मिलने के कारण मरीज को स्कूटर से ही एमवाय अस्पताल लेकर पहुंच गए थे। लेकिन, इलाज मिलने से पहले ही उसकी मौत हो गई थी।