मध्यप्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर में भले ही कोरोना (Corona) संक्रमित लोगों का आंकड़ा 1000 के पार पहुंच गया है, लेकिन यहां पुलिस, प्रशासन से लेकर स्थानीय लोगों का आत्मविश्वास बताता है कि इंदौर कोरोना को हराकर ही दम लेगा। दरअसल, इंदौर की फिजां में जज्बा है, जुनून है और सबसे ऊपर है बलिदान की भावना।
कोरोना महामारी की इस जंग में पुलिसकर्मी ठीक उसी तरह काम कर रहे हैं, जिस तरह सीमा पर एक सैनिक काम करता है। हर पल चौकन्ना, हर पल शहादत के लिए तैयार। इसका उदाहरण जूनी इंदौर थाने के टीआई देवेन्द्र चंद्रवंशी हैं, जिन्होंने फर्ज के लिए, इंदौर की जनता के लिए खुद को कुर्बान कर दिया है।
प्रशासन और निगम के अधिकारी भी लगातार काम कर इस खतरनाक वायरस का मुकाबला करने में जुटे हैं। मेडिकल स्टाफ जिस तरह काम कर रहा है, उनके समर्पण को शब्दों की सीमा में नहीं बांधा जा सकता है। डॉक्टर से लेकर हर छोटा-बड़ा स्वास्थ्यकर्मी अपनी जान जोखिम में डालकर लोगों की दिन-रात सेवा में जुटा है। शहर की सामाजिक संस्थाएं भी संकट की इस घड़ी में खुलकर मदद के लिए सामने आई हैं।