मुख्यमंत्री ने मुंडका में पीडब्ल्यूडी की एक परियोजना का शुभारंभ करते हुए कहा कि उन्हें उम्मीद है कि जिस प्रकार से लोगों ने कोरोनावायरस की पहले की 2 लहरों का सामना किया है, वैसे ही वे तीसरी लहर का भी सामना करेंगे और यह जल्द ही समाप्त हो जाएगी। जब तक कोरोनावायरस की कोई दवा नहीं आती, तब तक मास्क ही दवा है। कोरोनावायरस संक्रमण के खिलाफ यह सबसे बड़ा बचाव है। हमें मास्क लगाने का प्रचार- प्रसार एक आंदोलन की तरह करने की जरूरत है।
केजरीवाल ने कहा कि मार्च में संक्रमण प्रभावित देशों से 32,000 भारतीय लौटे, साथ ही देश के अन्य हिस्सों से लोग वापस आए और दिल्ली ने काफी मुश्किल वक्त देखा। वायु प्रदूषण के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि जनवरी से अक्टूबर माह के मध्य तक दिल्ली की वायु गुणवत्ता अच्छी रहती है, लेकिन इसके बाद पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश में पराली जलने के बाद यह खराब होने लगती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पराली के निस्तारण के लिए दिल्ली ने एक रसायन को विकल्प के तौर पर पेश किया है जिसे पूसा संस्थान ने विकसित किया है और जो पराली को खाद में बदल देता है। अगले वर्ष पंजाब, हरियाणा और उत्तरप्रदेश का कोई बहाना नहीं चलेगा और पराली जलनी बंद होनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि जरूरत पड़ने पर दिल्ली सरकार अथवा पूसा संस्थान उन राज्यों को रसायन दे सकता है, जहां पराली जलाई जाती है। इस दौरान पीडब्ल्यूडी मंत्री सत्येन्द्र जैन ने कहा कि जखीरा से दिल्ली सीमा तक रोहतक मार्ग के 13.33 किलोमीटर के मजबूतीकरण का काम अगले 6 माह में पूरा होना है लेकिन वे कोशिश करेंगे कि इसे 4 माह में पूरा कर लिया जाए। (भाषा)