डोर-टू-डोर सर्वे के लिए पूरे प्रदेश में 11 हजार 458 सर्वे टीम लगाई गई है। प्रत्येक टीम को नॉन कान्टेक्ट थर्मामीटर, पल्स ऑक्सीमीटर और जरूरी प्रोटेक्टिव गियर उपलब्ध कराया गया है। इसके साथ अभियान के तहत सार्थक एप में संदिग्ध मरीजों की एंट्री की जाएगी।
कोविड-19 के संदिग्धों की जिनकी प्रविष्टि सार्थक एप पर की जाती है, इसके साथ सम्बन्धित क्षेत्रों को मेप्ड एम.एम.यू. द्वारा सेम्पलिंग की जायेगी। रोजाना चिन्हित किये गये संदिग्धों की सेम्पलिंग के बाद उनकी टेस्टिंग आर.टी.पी.सी.आर. और टी.आर.यू.एन.ए.टी. के माध्यम से की जायेगी। अभियान में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया आदि के संदिग्ध मरीजों को भी चिन्हांकित कर इनकी भी एंट्री सार्थक एप में की जायेगी।
प्रदेश भर में एस.ए.आर.आई./आई.एल.आई. सर्वे के बाद चिन्हित संदिग्धों के 3 लाख से ज्यादा सेम्पल लिये जायेंगे। रोजाना 21 हजार टेस्ट किये जाने की क्षमता विकसित की जा रही है। इसमें प्रदेश के औसत पॉजीटिविटी से अधिक पॉजीटिविटी वाले 13 जिलों में सघन सेम्पलिंग आर.टी.पी.सी.आर. और टी.आर.यू.एन.ए.टी. के जरिए होगी। ऐसे 29 जिले जहां पॉजिटिविटी रेट प्रदेश के औसत से कम है, में जनरल सर्वेलेन्स के लिए पूल्ड सेम्पलिंग के निर्देश दिये गये हैं।
मुख्यमंत्री शिवराज की अपील – किल कोरोना अभियान को लेकर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों से अपील की है कि घर-घर पहुंच रहे सर्वे दल को आवश्यक जानकारी देकर सहयोग करें। सर्दी- खांसी जुकाम के साथ डेंगू, मलेरिया, डायरिया आदि के लक्षण पाए जाने पर भी जरूरी परामर्श और उपचार नागरिकों को मिलेगा। मुख्यमंत्री ने अभियान के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखने का भी आग्रह किया है।