पटना। बिहार में कोरोनावायरस (covid-19) संक्रमण को लेकर स्थिति भयावह होती जा रही है। लॉकडाउन के बावजूद संक्रमण के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। शहरों से लेकर गांव-देहातों में कोरोना के मरीज तेजी से बढ़ रहे हैं। प्रदेश में 10 दिन में कोरोना के मामले दुगुने हो गए हैं।
कोरोनाकाल में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाओं को लेकर भी लोग गुस्से में हैं और सोशल मीडिया पर अपनी भड़ास निकाल रहे हैं। लोगों ने इस अव्यवस्था को लेकर सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर भी निशाना साधा है। कई लोग सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री को कोरोना कुमार कह रहे हैं। लोग सोशल मीडिया पर कोरोना की बढ़ते मामलों को लेकर नीतीश सरकार पर तंज कर रहे हैं कि बिहार में 'कोरोना' की बहार है।
हो सकता है विकराल रूप : विशेषज्ञों का कहना है कि प्रदेश सरकार को तुरंत व्यवस्थाएं दुरुस्त करते हुए टेस्टिंग की क्षमता बढ़ना होगी वरना कोरोना का और भी विकराल रूप हो सकते हैं।
20 सबसे कमजोर जिले : प्रदेश में कोरोना संक्रमितों की संख्या 25 हजार के करीब पहुंचने वाली है। देश के 20 सबसे कमजोर जिलों में बिहार के 20 जिले हैं। इनमें दरभंगा कोरोना को लेकर सबसे असुरक्षित जिला है
बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्थाएं : बिहार में पहले ही चिकित्सकों की कमी है। कोरोना वायरस के दौरान बहुत से डॉक्टरों के ड्यूटी पर नहीं आने की भी खबरें आ रही हैं। एनएसएस सर्वे 2017-18 के अनुसार बिहार में गरीब परिवार बीमार होने की जानकारी भी नहीं दे पाते। बिहार में बीमारी के बारे में रिपोर्ट कराने की औसत 15 दिन के करीब थी।
एक दिन में 1600 से ज्यादा मामले : पटना जिले में 137 समेत बिहार में कोरोना संक्रमण के 1667 नए मामले की पुष्टि के बाद राज्य में अबतक कोविड-19 का शिकार हुए लोगों की संख्या बढ़कर 24967 हो गई है।
पटना में आए सबसे ज्यादा मामले : पटना जिले में सबसे अधिक 137 मामले सामने आए। इसके बाद मुजफ्फरपुर में 85, नालंदा में 52, रोहतास में 45, पश्चिम चंपारण में 43, भागलपुर में 40, सारण में 39, पश्चिम चंपारण में 34, समस्तीपुर में 29, गया में 28, बक्सर में 26 और सुपौल में संक्रमण के 21 नए मामले सामने आए हैं।
#coronakumar
Pathetic, frightening and Alarming! The health infrastructure in Bihar is dilapidated. Health care itself needs emergency treatment. pic.twitter.com/JZqbL4Nv5l
सोशल मीडिया पर भड़ास : बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को लेकर एक ट्वीट भी शेयर हो रहा है जिसमें अस्पताल में लोगों की भीड़ जमा हो गई है। वीडियो में दिखाई दे रहा है कि भीड़ सोशल डिस्टेंसिंग का पालन भी नहीं कर रही है। वीडियो में व्यक्ति कह रहा है कि कोरोना महामारी को देखते हुए मरीजों और डॉक्टरों के दोनों के लिए यह खतरनाक हो सकता है।
छुपाए जा रहे हैं आंकड़े : राष्ट्रीय जनता दल नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने नीतीश सरकार पर राज्य में कोरोना संक्रमितों के आंकड़े छुपाने का आरोप लगाते हुए कहा कि तेजी से फैल रहे संक्रमण से इस बात की प्रबल संभावना है कि बिहार कोविड -19 का राष्ट्रीय ही नहीं बल्कि वैश्विक हॉटस्पॉट बनने की ओर अग्रसर है।
यह अखबार की हेडलाइन न बने इसके लिए कोरोना संक्रमण के वास्तविक वास्तविक आंकड़े छुपाये जा रहे हैं। प्रतिदिन आधे आंकड़ों का प्रकाशन किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस बात की प्रबल संभावना है कि बिहार कोरोना का राष्ट्रीय हॉटस्पॉट ही नहीं बल्कि ग्लोबल हॉटस्पॉट बनने की ओर अग्रसर है। कितना छुपाओगे।
छपरा में कोरोना विस्फोट : पूर्वोत्तर रेलवे के छपरा जंक्शन के राजकीय रेल थाने में 10 से अधिक पुलिसकर्मियों के कोरोना संक्रमित होने के बाद शनिवार को थाने को कंटेंनमेंट जोन घोषित कर दिया गया। थाने के एक कमरे को सील कर दिया गया है। रेल थाने का कार्य एक कमरे से किया जा रहा है, जिसके कारण काफी परेशानी हो रही है।
अस्पताल में ओपीडी बंद : छपरा सदर अस्पताल में चिकित्सक समेत कई कर्मियों के कोविड संक्रमित पाए जाने के बाद ओपीडी सेवा को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। अस्पताल के ओपीडी में कार्यरत एक चिकित्सक समेत टीबी सेंटर, एसएनयूसी वार्ड एवं आपातकालीन वार्ड के करीब 15 कर्मी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
एक्शन में मुख्यमंत्री : बिहार में अभी तक 357730 सैंपल की जांच की गई है। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय के मुताबिक जांच में तेजी लाने के लिए शनिवार से पटना में 25 स्वास्थ्य केंद्रों पर रैपिड एंटीजन टेस्ट शुरू किया गया है। संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राज्य में हर रोज 20 हजार सेंपल की जांच करने के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री ने आदेश दिए हैं कि कोरोना के लक्षण वाले, हाईरिस्क कॉन्टेक्ट वाले लोगों की जांच की जाए।