भोपाल। मध्यप्रदेश में उपचुनाव वाले इलाको में स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस करते हुए शिवराज सरकार ने कई स्थानों पर स्वास्थ्य केंद्रों को सिविल अस्पताल के रूप में उन्नत करने का बड़ा फैसला किया है। इसके साथ शिवराज कैबिनेट ने पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने का फैसला किया है। कैबिनेट में लिए गए फैसलों की जानकारी देते हुए गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि प्रदेश में पिछड़ा वर्ग आयोग का अब संवैधानिक दर्जा होगा। इसके बाद आयोग को अब आवश्यकता पड़ने पर अधिकारियों को भी तलब करने का अधिकार होगा।
वहीं कैबिनेट ने मप्र राज्य परिवहन निगम के कर्मचारियों के लंबित वेतन का भुगतान करने को मंजूरी दे दी है। गृहमंत्री ने कहा कि इन कर्मचारियों को पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान 15 महीने से वेतन का भुगतान नहीं हुआ था। इसके साथ कैबिनेट ने मुरैना के जौरा और छतरपुर के बड़ामलहरा में प्रस्तावित सिंचाई परियोजनाओं को प्रशासकीय मंजूरी दे दी है। इनके निर्माण से दोनों जिलों के बड़े इलाके में सिंचाई सुविधा का विस्तार होगा।
स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कैबिनेट ने बड़ा फैसला लेते हुए कहा कि भिंड जिले के गोहद में 30 बिस्तर के स्वास्थ्य केंद्र को 100 बिस्तर का सिविल अस्पताल बनाया जाएगा, सिविल अस्पताल बरेली को 50 बिस्तर से 100 बिस्तर का बनाया जाएगा। गैरतगंज स्वास्थ्य केंद्र को 30 बिस्तर से 50 बिस्तर का अस्पताल बनाया जाएगा, बदनावर के 30 बिस्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 50 बिस्तर का अस्पताल बनाया,सुसनेर 30 बिस्तर के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 50 बिस्तर का अस्पताल बनाया जाएगा। सीहोर जिले के इछावर में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र 30 बिस्तर के अस्पताल को 50 बिस्तर का बनाया जाएगा,मुरैना के ओरछा को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र को 30 बिस्तर की जगह 50 बिस्तर का किया जाएगा, रायसेन जिले के सांची में नए स्वास्थ्य केंद्र की स्थापना की जाएगी।