Maharashtra Covid Guidelines : महाराष्ट्र सरकार ने कोरोना पाबंदियों में किया बदलाव, जानिए क्‍या है नई गाइडलाइंस

रविवार, 9 जनवरी 2022 (17:08 IST)
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने रविवार को जिम और ब्यूटी सैलून के लिए कोविड-19 से संबंधित प्रतिबंधों को संशोधित किया और उन्हें 10 जनवरी की मध्यरात्रि से 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने की अनुमति दे दी। शनिवार को राज्य में कोरोना वायरस के 41,000 मामले सामने आए थे तब सरकार ने कहा था कि जिम और ब्यूटी सैलून बंद रहेंगे जबकि सैलून पर 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम हो सकेगा। आदेश में रविवार को संशोधन किया गया और ब्यूटी सैलून को भी 50 फीसदी क्षमता के साथ काम करने की अनुमति दे दी गई।
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संशोधित आदेश के मुताबिक, सिर्फ उन गतिविधियों की इजाज़त है जिसमें मास्क नहीं उतारना पड़े। उसमें कहा गया है कि इन सेवाओं का इस्तेमाल करने की इजाजत सिर्फ पूर्ण टीकाकरण करा चुके लोगों को है और इस काम में लगे सभी कर्मचारियों का भी पूर्ण टीकाकरण होना चाहिए। आदेश में कहा गया है कि जिम को भी 50 प्रतिशत क्षमता के साथ संचालित करने की अनुमति दी गई है और कसरत करने के दौरान मास्क लगाना होगा।
 
महाराष्ट्र सरकार ने कोविड-19 के मामलों में बढ़ोतरी के बीच पाबंदियों को शनिवार को और कड़ा करते हुए सुबह पांच बजे से रात 11 बजे तक पांच या इससे अधिक व्यक्तियों के समूहों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया, जो 10 जनवरी की मध्यरात्रि से प्रभावी होगा।
 
एक सरकारी परिपत्र में कहा गया है कि इसके अलावा, आवश्यक सेवाओं को छोड़कर रात 11 बजे से सुबह पांच बजे तक लोगों की आवाजाही की अनुमति नहीं दी जाएगी। इसमें कहा गया है कि कक्षा 10वीं और 12वीं के छात्रों के लिए आवश्यक गतिविधियों और शिक्षकों की प्रशासनिक गतिविधियों को छोड़कर स्कूल और कॉलेज 15 फरवरी तक बंद रहेंगे। 
 
कार्यालय प्रमुखों की लिखित अनुमति के बिना सरकारी कार्यालयों में किसी भी आगंतुक को आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए लोगों को ऑनलाइन संवाद की सुविधा मुहैया करायी जाएगी
 
परिपत्र में कहा गया है कि सरकारी कर्मचारियों को घर से काम करने का विकल्प चुनना चाहिए और यदि कार्यालय से काम करना आवश्यक है तो काम के घंटे को अलग- अलग करना चाहिए। निजी कार्यालयों से भी कर्मचारियों को घर से काम करने की अनुमति देकर और काम के घंटे को अलग-अलग करके कार्यालय आने वाले कर्मचारियों की संख्या को युक्तिसंगत बनाने के लिए कहा गया है।
 
परिपत्र में कहा गया है कि विवाह और सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृतिक या राजनीतिक समारोहों में उपस्थित लोगों की सीमा 50 होगी। अंतिम संस्कार में 20 से अधिक व्यक्ति शामिल नहीं हो सकते।

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