Lockdown में फंसे प्रवासी श्रमिक टैक्सी और ऑटो रिक्शा से रवाना हो रहे अपने राज्य
सोमवार, 11 मई 2020 (17:16 IST)
मुंबई। लॉकडाउन के बीच प्रवासी श्रमिकों के लिए 'मुंबई ड्रीम्स' का सपना टूटता जा रहा है और उनमें से टैक्सी और ऑटो रिक्शा चलाने वाले कई लोग अपने वाहनों से अपने घरों को लौट रहे हैं। टैक्सी और ऑटो रिक्शा चालकों के यूनियन के सूत्रों ने यह जानकारी दी।
यूनियन ने बताया कि ‘काली-पीली’ टैक्सियों और ऑटो में क्रमश: एक हजार और 5 हजार लोग महानगर छोड़ रहे हैं। मुंबई-आगरा राजमार्ग पर एक साइकल चालक ने बताया कि उसने ट्रकों, ऑटो रिक्शों और मोटरसाइकलों से प्रवासी श्रमिकों को मध्य और उत्तर भारत के अपने घरों की ओर जाते देखा है।
यूनियन के अधिकारियों ने कहा कि कोरोना वायरस (Corona virus) कोविड-19 के कारण जारी लॉकडाउन की बढ़ती संभावना को देखते हुए कई ऑटो और टैक्सी चालक अपनी काली-पीली टैक्सी और ऑटो रिक्शा में अपने घरों को लौट रहे हैं।
मुंबई टैक्सीमेन्स यूनियन के एएल क्वाड्रोस ने कहा कि काली-पीली टैक्सी में एक हजार से अधिक लोगों और पांच हजार से अधिक ऑटो रिक्शा ने मुंबई महानगर क्षेत्र को छोड़ दिया है। उन्होंने कहा कि करीब 45 हजार काली-पीली टैक्सियां हैं और मुंबई महानगर में करीब पांच लाख ऑटो रिक्शे हैं।
कुद्रोस ने कहा, करीब दो महीने तक लॉकडाउन के कारण कैब चालकों और ऑटो चालकों के पास कोई धन नहीं बचा है। इसलिए यहां भूखे मरने के बजाए वे अपने गृह स्थानों की तरफ जाने को तवज्जो दे रहे हैं।संगठन के अधिकारियों के मुताबिक कैब और ऑटो रिक्शा चालक 20 से 50 के समूह में मुंबई क्षेत्र से बाहर जा रहे हैं और वे उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश और झारखंड की तरफ रवाना हो रहे हैं जबकि कुछ कैब चालक कर्नाटक भी जा रहे हैं।
स्वाभिमान टैक्सी-रिक्शा संघ के नेता केके तिवारी ने बताया, लॉकडाउन में एक और विस्तार के बाद और प्रवासियों के प्रतिबंध में ढील देने के बाद ऑटो चालक पिछले महीने से अपने गृह स्थानों की ओर जाने लगे हैं।मुंबई ऑटो रिक्शा यूनियन के नेता शशांक राव ने कहा कि चूंकि बस और ट्रक चालक बहुत ज्यादा भाड़ा मांग रहे थे, इसलिए चालक अपने वाहनों से ही घरों को लौट रहे हैं।
राव ने बताया, अपने सामान पैक कर कुछ चालक अपने परिवार के साथ यात्रा कर रहे हैं जबकि कई चालक अन्य चालकों एवं दोस्तों के साथ रवाना हो रहे हैं।संगठन के नेताओं के मुताबिक टैक्सी और ऑटो चालक पुलिस की तरफ से जारी ई-पास के बगैर ही यात्रा कर रहे हैं क्योंकि वे इसे समय एवं धन की बर्बादी मानते हैं।
आरटीओ अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन अस्थाई पास हासिल कर ऑटो एवं टैक्सी चालक यात्रा कर रहे हैं, जो कुछ महीने के लिए वैध होता है।(भाषा)