न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने कहा कि लॉकडाउन की अवधि के दौरान 24 मार्च से 24 जुलाई के बीच देशभर में 18,03,327 याचिकाएं आईं, जिनमें से 7,90,112 को निस्तारित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान महाराष्ट्र में जिला अदालतों में 2,22,431 मामले आए जिनमें से 61,986 को महामारी के गंभीर साए के बावजूद निस्तारित किया जा चुका है।
उन्होंने कहा कि संकट के समय न्याय बाधित न हो इसलिए डिजिटल अदालतों की व्यवस्था लागू की गई थी, लेकिन कभी भी खुली अदालतों में सुनवाई की जगह कोई और नहीं ले सकता…। ये विशेष उपाय थे जिन्हें बेहद ही अपवादस्वरूप परिस्थितियों में लागू किया गया और धीरे-धीरे हम भौतिक अदालतों में सुनवाई की तरफ वापस लौटेंगे।