क्‍या है नेजल वैक्‍सीन, इसके 5 फायदे, क्‍यों है ये सबसे ज्‍यादा कारगर?

सोमवार, 7 जून 2021 (18:02 IST)
कोरोना से बचने के लिए लोगों को वैक्‍सीन दी जा रही है, लेकिन अब नेजल वैक्‍सीन की भी चर्चा है। पीएम मोदी ने भी सोमवार को अपने भाषाण में इसका जिक्र किया है। जानते हैं क्‍या होती है और कैसे कारगर हो सकती है नेजल वैक्‍सीन।

कैसे काम करती है नेजल वैक्सीन?
नेजल स्प्रे वैक्सीन को इंजेक्शन की बजाय नाक से दिया जाता है। यह नाक के अंदरुनी हिस्सों में इम्युन तैयार करती है। इसे ज्यादा कारगर इसलिए भी माना जाता है क्योंकि कोरोना समेत हवा से फैलने वाली अधिकांश बीमारियों के संक्रमण का रूट प्रमुख रूप से नाक ही होता है और उसके अंदरूनी हिस्सों में इम्युनिटी तैयार होने से ऐसे बीमारियों को रोकने में ज्यादा असरदार साबित होती है।

नेजल वैक्सीन के 5 फायदे
1. इंजेक्शन से छूटकारा।
2. नाक के अंदरूनी हिस्सों में इम्युन तैयार होने से सांस से संक्रमण का खतरा घटेगा।
3. इंजेक्शन से छुटकारा होने के कारण हेल्थवर्कर्स को ट्रेनिंग की जरूरत नहीं।
4. कम खतरा होने से बच्चों के लिए भी वैक्सीनेशन की सुविधा संभव।
5. उत्पादन आसान होने से दुनियाभर में डिमांड के अनुरूप उत्पादन और सप्लाई संभव।

क्या बाजार में मौजूद है कोई नेजल वैक्सीन?
हां, पहले से इंफ्लूएंजा और नेजल फ्लू की नेजल वैक्सीन्स अमेरिका जैसे देशों में बाजार में उपलब्ध हैं। इसी तरह जानवरों में केनेल कफ के लिए कुत्तों को वैक्सीन नाक के रास्ते दिया जाता है। 2004 में एंथ्रैक्स बीमारी के समय अफ्रीका में प्रयोग के तौर पर बंदर को नेजल वैक्सीन दिया गया था। 2020 में कोरोना वायरस महामारी के सामने आने के बाद चूहों और बंदरों में किए गए प्रयोग में पाया गया कि नाक के जरिए वैक्सीन देकर वायरस संक्रमण को रोका जा सकता है। इसके असर से नाक के अंदरूनी हिस्सों के निचले और ऊपरी हिस्सों में वायरल क्लियरेंस यानी प्रोटेक्शन पाया गया।

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