इंदौर। मध्यप्रदेश की औद्योगिक और सांस्कृतिक राजधानी कहे जाने वाले इंदौर (Indore News) शहर में कोरोनावायरस संक्रमण के मरीजों में आई अचानक तेजी के कारण शुक्रवार को सोशल मीडिया पर एक अफवाह उड़ी कि लंबे समय के लिए लॉकडाउन लगाया जा सकता है। इस अफवाह के बाद शहर में अफरातफरी का माहौल बन गया लेकिन जिला कलेक्टर मनीष सिंह ने लॉकडाउन लगाए जाने की अफवाह का सिरे से खंडन करते हुए कि इस तरह का कोई फैसला शासन-प्रशासन ने नहीं लिया है और न ही इस तरह के आदेश व निर्देश मिले हैं।
मनीष सिंह ने साफ किया कि शहरवासियों को घबराने या डरने की कोई जरूरत नहीं है। शहर को लॉकडाउन में धकलने की कोरी अफवाह है। उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर चल रही यह खबर पूरी तरह से झूठी है। उन्होंने कहा कि न तो केंद्र से और ना ही राज्य सरकार की ओर से कोई निर्देश प्रशासन को दिए गए है, जिसका सीधा मतलब है कि इंदौर में लॉकडाउन को लेकर कोई फैसला ही नही लिया गया है।
उन्होंने कहा कि शहर में सराफा, छप्पन दुकान के बाद जेलरोड़ के व्यापारियों ने दुकान बंद करने का समय तय किया है। कलेक्टर ने कहा कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करने के लिए शहर की जनता और व्यापारियों को गंभीरता दिखानी होगी, तभी हम कोरोना चेन को रोक सकते हैं।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को इंदौर में कुछ शरारती तत्वों द्वारा इलेक्ट्रॉनिक चैनल की स्टाइल में ब्रेकिंग फॉर्मेट के तहत आगामी दिनों में, 8 दिनों के लॉक डाउन को लेकर अफवाह फैलायी जा रही थी। इसी अफवाह ने तूल पकड़ लिया और हर व्यक्ति एक दूसरे से इस बात की पुष्टि करते नजर आने लगा कि क्या वाकई इंदौर में दोबारा लॉकडाउन लग सकता है?
इंदौर में पिछले दो दिनों से लगातार 300 से ज्यादा कोरोना पॉजिटिव मरीजों के आने से पूरे शहर में दशहत हो गई है। बुधवार को शहर में 312 और गुरुवार को एक दिन में रिकॉर्ड 326 कोरोना मरीजों के सामने आने के बाद यह चर्चा होने लगी थी कि मरीजों की बेतहाशा वृद्धि से कहीं एक बार फिर शहर में लॉकडाउन तो नहीं लगेगा? इसी आशंका ने लॉकडाउन की अफवाह को जन्म दिया।