दुनियाभर में मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ रहा है। 29 देशों में संक्रमण के मामले 1000 से अधिक हो गए हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने बुधवार को चेतावनी दी कि अब मंकीपॉक्स का खतरा बढ़ रहा है, क्योंकि यह उन देशों में भी फैल रहा है, जहां अब तक यह मौजूद ही नहीं था। इन देशों में मंकीपॉक्स के केस अब 1,000 से अधिक हो चुके हैं। डब्ल्यूएचओ के प्रमुख टेड्रोस अदनोम ने कहा कि वैश्विक स्वास्थ्य एजेंसी वायरस के खिलाफ सामूहिक टीकाकरण की सलाह नहीं देती है।
कोरोनावायरस महामारी के दौरान कुछ देशों में मंकीपॉक्स का प्रकोप फैलना शुरू हो गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन ने चेतावनी दी कि लाइलाज और जानलेवा मंकीपॉक्स के मामले तेजी से बढ़ सकते हैं। संगठन ने कहा है कि यह बीमारी उन देशों में भी फैल रही है, जहां उम्मीद नहीं की जा रही थी। संगठन आने वाले दिनों में मंकीपॉक्स के प्रसार को कम करने के लिए जल्द ही कोई गाइडलाइंस जारी कर सकता है। डब्ल्यूएचओ को यह पता चला है कि इस बीमारी के अधिकतर मामले पुरुषों के पुरुषों से यौन संबंध रखने वाले लोगों में अधिक मिले हैं।
क्या है मंकीपॉक्स रोग? : मंकीपॉक्स 'चेचक' बीमारी की तरह ही एक दुर्लभ वायरल इन्फेक्शन है और इसका पहली बार 1958 में पता चला था। मंकीपॉक्स का पहला मानव मामला 1970 में सामने आया था। यह रोग मुख्य रूप से मध्य और पश्चिम अफ्रीका के ऊष्णकटिबंधीय वर्षावन क्षेत्रों में होता है। यह वायरस पॉक्सविरिडे परिवार से संबंधित है जिसमें चेचक और चेचक रोग पैदा करने वाले वायरस भी शामिल हैं।