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नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार रात 8 बजे देश को एक बार फिर संबोधित किया। प्रधानमंत्री ने भारत को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 20 लाख करोड़ रुपए के एक बड़े आर्थिक पैकेज का ऐलान किया। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए लॉकडाउन का सामना कर रहे देशवासियों को प्रधानमंत्री ने नया मंत्र भी दिया- जहां चाह, वहां राह। उन्होंने इसके लिए कच्छ का उदाहरण दिया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारे पास दुनिया की बेहतरीन प्रतिभाएं हैं। हम सर्वश्रेष्ठ उत्पादन करेंगे। हम अपने सप्लाई चेन को और मजबूत करेंगे। हमने कच्छ भूकंप के वे दिन देखें हैं हर तरफ मलबा-मलबा ही था। ऐसा लगता है कि मानो कच्छ मौत की चादर ओढ़कर सो रहा है। कोई सोच नहीं सकता था कि हालात बदल पाएंगे, लेकिन कच्छ उठ खड़ा हुआ और आगे बढ़ चला। यही हम भारतीयों की संकल्पशक्ति है। हम ठान लें तो कोई राह मुश्किल नहीं। जहां चाह है वहां राह भी है।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि थकना, हारना, टूटना मानव को मंजूर नहीं है। सतर्क रहते हुए और नियमों का पालन करते हुए हमें आगे बढ़ना ही है। आज जब दुनिया संकट में है तब हमें अपना संकल्प और मजबूत करना होगा। हमारा संकल्प इस संकट से भी विराट होगा। साथियो हम पिछली शताब्दी से कह रहे हैं कि 20 सदी भारत की है। 21वीं शताब्दी भारत की हो तो यह सपना पूरा करने हमारी जिम्मेदारी है।