पोस्ट Covid-19 मरीजों में सामने आ रही नई बीमारी, जानिए सीधे एक्सपर्ट से
मंगलवार, 4 मई 2021 (13:53 IST)
-सुरभि भटेवरा
कोविड-19 जैसी गंभीर बीमारी से जूझ कर मरीज ठीक हो रहा है। वहीं इसके बाद दूसरी बीमारी की शुरूआत हो गई। कोविड -19 से ठीक होने के बाद साइड इफेक्ट का खतरा लोगों में बढ़ रहा है।
हाल ही में पुणे और नागपुर में कुछ ऐसे मामले सामने आए है। जिस तरह का साइड इफेक्ट कोविड से ठीक के होने के बाद मरीजों में देखा जा रहा है वह म्यूकोरमाइकोसिस है। लेकिन यह बीमारी क्या है? कैसे फैलती है? क्या इसके साइड इफेक्ट हो सकते हैं? लक्षण क्या है? लक्षण पता चलने पर क्या करें? इन सभी तमाम सवालों के जवाब के लिए वेबदुनिया ने डॉ भारत रावत से बात की।
डॉ भारत रावत ने सबसे पहले कहा कि, आज के वक्त में कोई भी दवाई डॉ की सलाह के बिना नहीं लें।
प्रश्न - पोस्ट कोविड-19 के नए लक्षण दिख रहे हैं उसे म्यूकोरमाइकोसिस कहा जा रहा है, ये क्या नई बीमारी है?
पोस्ट कोविड के बाद जो गंभीर बीमारी हो रही है उसका नाम है म्यूकोरमाइकोसिस। यह एक प्रकार का फंगल इंफेक्शन है। इसकी शुरूआत नाक से होती है। नाक में सूजन आ रही है या दर्द है तो जल्द से जल्द डॉ से संपर्क करें। नाक के बाद यह आंखों में भी पहुंच सकता है। इससे आंखों की रोशनी जाने का खतरा रहता है। यह दिमाग में भी पहुंच सकता है।
इस फंगल इंफेक्शन की समस्या यह भी है कि इसका इलाज सामान्य दवाईयों से नहीं होता है। इसका सही वक्त पर डायगनोसिस होना जरूरी है। वरना गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
प्रश्न - पोस्ट कोविड-19 के मरीजों में लक्षण सामने आ रहे हैं जैसे - लक्षण चेहरे पर सूजन, दर्द, नंबनेस, आंखों में सूजन, नाक से हल्का रेड और ब्लैक, ब्राउन डिस्चार्ज बहना।
कुछ लक्षण सामन्य भी हो सकते हैं इसमें। चेहरे पर सूजन, नंबनेस, ऑक्सीजन का मास्क लगाने से भी यह हो सकता है। ऑक्सीजन मास्क से चेहरे पर दबाव पड़ता है इससे भी सूजन आ जाती है।
प्रश्न - क्या स्टेरॉयड के साइड इफैक्ट्स भी है?
स्टेरॉयड के इस्तेमाल से से नुकसान भी है। स्टेरॉयड लेने से ब्लड प्रेशर बढ़ना, शुगर का लेवल बढ़ना, पेट में अल्सर होना और म्यूकोरमाइकोसिस सहित अलग तरह के इंफेक्शन होना।
प्रश्न - स्टेरॉयड से किस प्रकार के फंगल इंफेक्शन का खतरा बन रहा है?
कुछ दवाईयां होती हैं जिसे कोविड के ट्रीटमेंट में उपयोग किया जाता है। जिससे इम्यूनिटी को घटाया जाता है। कोरोना के कुछ खतरनाक कॉम्प्लीकेशन से भी होते हैं। वह इम्यून रिएक्शन से भी होते हैं। कोरोना को लेकर जो रिएक्शन हमारी बॉडी में होते हैं उन्हें इम्यून रिएक्शन कहते हैं। उससे बचाव के लिए स्टेरॉयड दिया जाता है।
इम्यून रिएक्शन को स्टेरॉयड से कम किया जाता है। बॉडी में कुछ इंफेक्शन ऐसे होते हैं जिससे सामान्य तौर पर कोई खतरा नहीं होता है। लेकिन इम्यूनिटी घटने से इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। फंगल इंफेक्शन भी उन्हीं तरह के इंफेक्शन में से है। यह उन लोगों को जल्दी होते हैं जिनका इम्यूनिटी लेवल पहले से ही कम है। जिन्हें डायबिटीज है, लंबे वक्त से स्टेरॉयड ले रहे हैं, अधिक मात्रा में एंटी बायोटिक दवाई ले चुके हैं। उनमें फंगल इंफेक्शन का खतरा अधिक बढ़ जाता है।
प्रश्न - डायबिटीज पेशेंट में स्टेरॉयड से ब्लड ग्लूकोस लेवल पर प्रभाव पड़ रहा है?
अगर डायबिटिज के पेशेंट को स्टेरॉयड दी जा रही है तो उन्हें अपनी शुगर का बराबर ध्यान रखना जरूरी है। शुगर का डोज कम ज्यादा भी करना पड़ सकता है। इसलिए डायबिटीज पेशेंट डॉ से सलाह जरूर लें।
प्रश्न - कौन सी एज ग्रुप पर इसका असर ज्यादा देखा जा रहा है?
म्यूकोरमाइकोसिस बीमारी से बचाव में बुजर्गों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि उनमें साइड इफैक्ट्स ज्यादा और जल्दी होते हैं। बुजर्गों में यह बीमारी होने पर गंभीर परिणाम हो सकते हैं।
प्रश्न - पोस्ट कोविड केयर टिप्स में मरीजों को क्या फूड डाइट फॉलो करना जरूरी है?
कोविड मरीजों को ठीक होने के बाद भी ध्यान रखना जरूरी है। डॉ से जरूर सलाह लें खाने में क्या खा सकते हैं। साथ ही प्रोटीन युक्त चीजें जरूर खाने में शामिल करें। दिनभर में कम से कम 2 से 3 लीटर पानी जरूर पीएं।
मंत्री अशोक गहलोत ने किया था ट्वीट
इस बीमारी के केस पहले भी सामने आ चुके हैं। मुंबई, अहमदाबाद के बाद राजस्थान में भी इसके केस साल 2020 में मिले थे। उस दौरान मंत्री अशोक गहलोत ने भी इस बीमारी को लेकर ट्वीट किया था। बता दें कि पहली मर्तबा इस बीमारी के अहमदाबाद में 44 केस सामने आए थे। इसके बाद दिल्ली, राजस्थान और मुंबई में। वर्तमान में पुणे और नागपुर में फंगल इंफेक्शन के केस सामने आ रहे हैं।