मेरठ। कोरोना संक्रमण इलाज में गंभीर मरीज को जीवन देने के लिए डॉक्टर रेमडेसिविर इंजेक्शन लगा रहे है। मेरठ पुलिस ने इस इंजेक्शन की कालाबाजारी कर रहे एक निजी अस्पताल के 2 वार्डबॉय समेत 8 लोगों को गिरफ्तार किया है।
मेरठ पुलिस को जानकारी मिली थी कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की सुभारती मेडिकल कॉलेज के जरिए कालाबाजारी की जा रही है। इसके चलते पुलिस ने एक गोपनीय टीम बनाकर स्वयं तीमारदार बनकर सुभारती मेडिकल कॉलेज के वार्डबॉय से इंजेक्शन खरीदे।
इस मेडिकल कॉलेज के वार्ड के वार्डबॉय ने 25000 रुपए में रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचा। इसके बाद तीन और इंजेक्शन देने का वादा कर दिया। इतना ही नहीं, जब पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार करने की कोशिश की तो उन्होंने पुलिस टीम पर ही हमला कर दिया। इसके बाद पुलिस ने 2 वार्डबॉय को गिरफ्तार किया। पुलिस पूछताछ में सुभारती के 6 बाउंसर के नाम भी सामने आए हैं, जिन्हें पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है।
मिली जानकारी के मुताबिक ये इंजेक्शन ग़ाज़ियाबाद के एक मरीज के नाम पर मंगाया गया था, जबकि पीड़ित पेशेंट को इंजेक्शन न देकर उसकी कालाबाजारी की जा रही थी। पुलिस अब आरोपियों से पूछताछ कर पूरे गिरोह तक पहुचने की कोशिश कर रही है।
मामला थाना जानी क्षेत्र के सुभारती मेडिकल कॉलेज का है। जहां कोविड वार्ड में रेमडेसीविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का खेल चल रहा था। मरीजों की मजबूरी का फायदा उठाकर तीमारदारों को मुंह मांगी कीमत पर इंजेक्शन बेचा जा रहा था।
इतना ही नहीं, कोविड-वार्ड में जिन मरीजों को यह इंजेक्शन जरूरत के हिसाब से दिया गया था। उनको यह इंजेक्शन न लगाकर इसकी चोरी-छुपे कालाबाजारी की जा रही थी। जब पुलिस को शिकायत मिली तो मेरठ एसएसपी अजय साहनी ने एक गोपनीय टीम लगाकर आरोपियों की गिरफ्तारी करने का आदेश दिया। इसके बाद पुलिस टीम ने एक मरीज के तीमारदार बनकर वार्ड बॉय से इंजेक्शन की डिमांड की है। इसके एवज में वार्ड बॉय ने एक इंजेक्शन के 25000 रुपए मांगे।
पुलिस की इस टीम ने कुल 4 इंजेक्शन का सौदा किया। एक इंजेक्शन 25000 रुपए में लेकर 3 इंजेक्शन जल्दी उपलब्ध कराने का वार्डबॉय ने वादा किया। पुलिस जाल में फंसे इन 2 वार्डबॉय को मेरठ पुलिस की सर्विलांस टीम और थाना जानी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया, लेकिन जैसे ही इन्हें गिरफ्तार करके पुलिस ले जा रही थी तभी कुछ बाउंसर ने पुलिस टीम पर हमला करने की कोशिश की। इस मामले में पुलिस ने 8 आरोपियों को गिरफ्तार कर मुकदमा पंजीकृत कर लिया है।