अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ डॉक्टर सुरनजीत चटर्जी ने चेतावनी दी कि अगर लोग सुरक्षा मानदंडों का पालन नहीं करते हैं और मानदंडों का सख्ती से पालन नहीं किया जाता है तो हम फिर से परेशानी में घिर सकते हैं। उन्होंने कहा कि अप्रैल में 28,000 से अधिक मामले सामने आ रहे थे और कल 131 नए मामले सामने आए।
चटर्जी ने कहा कि संक्रमण के मामलों में यह नाटकीय गिरावट है और अगर लॉकडाउन इसका प्राथमिक कारण था तो हमें अब बहुत सावधानी से चलना होगा। चिकित्सा विशेषज्ञों ने मई के मध्य में कहा था कि प्रमुख रूप से लॉकडाउन के कारण नए मामलों की संख्या में कमी आई है। हालांकि उन्होंने आगाह किया था कि मामलों की गंभीरता अभी भी बरकरार है।
हाल में अपने परिवार के एक सदस्य को कोविड के कारण खो देने वाली फोर्टिस अस्पताल की डॉक्टर ऋचा सरीन ने कहा कि तीसरी लहर के आने का खतरा काफी वास्तविक है और यह कोई कल्पना नहीं है। फरवरी में भी इसी तरह का खतरा था जब लोगों ने छुट्टियों पर जाना शुरू कर दिया था या पार्टी करने लगे या सार्वजनिक स्थानों पर मिलने-जुलने लगे थे। दूसरी लहर ने इतना नुकसान किया है और इतने लोगों की जान ले ली कि हमें यह सोचने की जरूरत है कि हमें अनुशासित रहना होगा और सावधानी बरतनी होगी।
दिल्ली में 19 अप्रैल के बाद से संक्रमण के नए मामलों के साथ ही मौतों की संख्या में तेजी से वृद्धि होने लगी थी। 19 अप्रैल को सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया गया था। मामलों में कमी आने के बाद पिछले 2 हफ्तों में कई प्रतिबंधों में ढील दी गई है। लॉकडाउन लागू होने के बाद बड़ी संख्या में लोगों को कोविड संबंधी मानदंडों का उल्लंघन करने पर दंडित किया गया है।
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त जनसंपर्क अधिकारी अनिल मित्तल द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, 19 अप्रैल से 14 जून के बीच कुल 1,33,143 चालान जारी किए गए। इनमें से 1,12,265 चालान मास्क न पहनने के कारण और 19,153 चालान सामाजिक दूरी के मानदंडों का उल्लंघन करने पर जारी किए गए। (भाषा)