न्यायमूर्ति प्रतिभा एम सिंह ने कहा कि अदालत इस पर अपना दृष्टिकोण नहीं बदलेगी कि डीजीएमएस (वायु) द्वारा तैयार चिकित्सा कमेटी ने कहा है कि खून की जांच कराना संभव नहीं है। शराब के स्तर का पता लगाने के लिए क्या ब्रेथ एनालाइजर जांच के विकल्प के तौर पर खून की जांच की जा सकती है, इस पर गौर करने के लिए कमेटी बनाई गई थी।
कमेटी ने यह भी कहा कि वह ब्रेथ एनालाइजर जांच मशीनों के लिए डीजीसीए द्वारा यूवी पद्धति के इस्तेमाल से संतुष्ट है। कमेटी के तथ्यों के संबंध में हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए अदालत ने उसे एक और रिपोर्ट सौंपने का निर्देश दिया कि क्या खुली जगह पर ब्रेथ एनालाइजर जांच कराई जा सकती है ताकि कोविड-19 का प्रसार नहीं हो।(भाषा)