नई दिल्ली। वैज्ञानिकों ने उस अध्ययन को लेकर चिंता व्यक्त की है, जिसमें यह कहा गया है कि कोरोना वायरस की उत्पत्ति में आवारा कुत्तों की भूमिका हो सकती है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ऐसे काल्पनिक अध्ययन के कारण लोग अपने पालतू कुत्तों को छोड़ सकते हैं। ऐसे में इस तरह के अध्ययन के प्रायोगिक प्रमाण की आवश्यकता है।
कोलकाता के भारतीय रासायनिक जीव विज्ञान संस्थान के वरिष्ठ वैज्ञानिक सुभाजीत बिस्वास ने पीटीआई-भाषा से कहा कि यह अध्ययन सैद्धांतिक है। यह प्रयोगशाला में कार्यात्मक प्रयोगों के प्रमाण को मुहैया नहीं कराता जो कि यह साबित करे कि यदि अध्ययन में दर्शाए गए निश्चित बदलावों को अपनाया जाए तो वायरस कम घातक साबित होगा।