अध्ययनकर्ताओं के मुताबिक नाक के जरिए टीके की खुराक प्रदान करने से समूचे शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता बेहतर करने में मदद मिलती है लेकिन यह नाक और श्वसन तंत्र में खासा असरदार साबित हुआ है और रास्ता रोककर संक्रमण को समूचे शरीर में फैलने से रोकता है। इस अध्ययन टीम में अमेरिका के वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ता भी थे।
कुछ और जानवरों तथा इंसानों पर इस टीका का परीक्षण करने की योजना है कि क्या यह कोविड-19 संक्रमण को रोकने में कारगर और सुरक्षित है। अमेरिका के वॉशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के अनुसंधानकर्ता माइकल एस. डायमंड ने कहा कि नाक के ऊपरी हिस्से के सेल में मजबूत रोग प्रतिरोधक तंत्र देखकर हमें काफी खुशी हुई। वायरस के संक्रमण को इसने रोकने का काम किया।
वैज्ञानिकों ने कहा है कि नाक के जरिए टीके की खुराक देने से नाक और श्वसन तंत्र में संक्रमण के मार्ग को अवरुद्ध किया जा सकता है और समूचे शरीर में इसे फैलने से रोका जा सकता है। हालांकि अध्ययनकर्ताओं ने आगाह किया कि अभी सिर्फ चूहे पर टीके के परीक्षण का अध्ययन किया गया है। आगामी दिनों में इसके परीक्षण का व्यापक अध्ययन हो सकेगा। (भाषा)