जावड़ेकर ने कहा कि सांसदों के वेतन और भत्तों में कमी से संबंधित अध्यादेश पर राष्ट्रपति के हस्ताक्षर होने के बाद यह प्रभावी हो जाएगा। उन्होंने कहा कि इस अध्यादेश के दायरे में प्रधानमंत्री, उनके मंत्रिमंडल के सदस्य और सभी सांसद आएंगे।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति, उप राष्ट्रपति और राज्यों के राज्यपाल इस अध्यादेश के दायरे से बाहर हैं लेकिन उन्होंने स्वेच्छा से अपने वेतन में 30 फीसदी कमी करने का निर्णय लिया है। उन्होंने कहा कि इन दोनों ही मद में कमी के कारण बचने वाली राशि देश के कंसोलिडेटिड फंड में जमा की जाएगी।