नॉर्थ कैरोलाइना। दुनियाभर में धीरे-धीरे कोरोना वायरस की मामले तो कम हुए, लेकिन नए वैरिएंट्स से नया खतरा मंडराने लगा है। कोरोनावायरस बहुरुपिया के तरह हर बार अपने लक्षण और प्रभाव को बदल रहा है। इसके एक रूप पर वैक्सीन की रिसर्च के बाद अब नए वैरिएंट्स ने चिंताओं को बढ़ा दिया है। लेकिन नए वैरिएंट्स पर वैक्सीन को लेकर एक अच्छी खबर सामने आई है। कुछ अमेरिकी शोधकर्ताओं ने बचाव के लिए एक खास वैक्सीन डिजाइन की है। यह वैक्सीन SARS-CoV-2 के साथ-साथ अन्य कोरोना वायरसेज के खिलाफ भी कवच बनेगी।
पीटीआई के मुताबिक यूनिवर्सिटी ऑफ नॉर्थ कैरोलाइना के शोधकर्ताओं ने पाया कि 2003 में सार्स और कोविड का कारण बने कोरोनावायरस हमेशा खतरा रहेंगे। ऐसे में शोधकर्ताओं ने एक नई वैक्सीन तैयार की है। अभी इस वैक्सीन का ट्रायल चूहों पर किया गया। नतीजे प्राप्त हुए कि वैक्सीन ने चूहों को न केवल कोविड-19, बल्कि अन्य कोरोनावायरस से भी बचाया। अगले साल इस वैक्सीन का इंसानों पर भी ट्रायल किया जा सकता है।
जर्नल साइंस में प्रकाशित स्टडी में सेकंड जेनरेशन वैक्सीन पर ध्यान दिया, जो सरबेकोवायरस को निशाना बनाती है। दरअसल, सरबेकोवायरस, कोरोना वायरस के बड़े परिवार का हिस्सा है। साथ ही ये सार्स और कोविड-19 फैलाने के बाद वायरोलॉजिस्ट्स के लिए जरूरी बना हुआ है। वैज्ञानिक इन वायरस पर प्राथमिकता के साथ काम कर रहे हैं। खास बात यह है कि टीम ने इसमें mRNA का इस्तेमाल किया है, जो फाइजर और मॉडर्ना वैक्सीन की तरह ही है।
हालांकि इसमें केवल एक वायरस के लिए mRNA कोड डालने के बजाय उन्होंने कई कोरोना वायरस के mRNA को साथ जोड़ दिया है। चूहों को जब यह हायब्रिड वैक्सीन दी गई तो उसने असरदार तरीके से अलग-अलग स्पाइक प्रोटीन्स के खिलाफ न्यूट्रलाइजिंग एंटीबॉडीज तैयार की। रिचसर्च को उम्मीद है कि आगे और टेस्टिंग के बाद इस वैक्सीन को अगले साल इंसानी ट्रायल्स तक भी लाया जा सकता है।
यूएनसी गिलिंग्स स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ में एक पोस्टडॉक्टरल रिसर्चर डेविड मार्टिनेज ने कहा कि 'हमारी प्राप्तियां भविष्य के लिए उज्जवल नजर आती हैं, क्योंकि ये बताते हैं कि सक्रिय रूप से वायरस के खिलाफ सुरक्षा देने के लिए हम और यूनिवर्सल पेन कोरोनावायरस तैयार कर सकते हैं।' मार्टिनेज स्टडी के प्रमुख लेखक भी हैं।