उन्होंने यह भी कहा कि कुछ राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं और वहां पर शीर्ष स्तर बाद में पहुंचेगा लेकिन राष्ट्रीय स्तर पर कोविड-19 के सामुदायिक संक्रमण के बहुत ज्यादा प्रमाण नहीं हैं। उन्होंने कहा कि हालांकि शहरों में अतिसंक्रमित क्षेत्र हैं, जहां पर मामले बढ़ रहे हैं और आशंका है कि उन क्षेत्रों में स्थानीय स्तर पर संक्रमण फैला है। इसलिए निषिद्ध क्षेत्रों में जोर-शोर से कदम उठाने की जरूरत है।
क्या देश में कोविड-19 शीर्ष स्तर को छू चुका है? इस पर गुलेरिया ने कहा कि मेरा मानना है कि कुछ इलाके शीर्ष स्तर को छू चुके हैं। दिल्ली में भी ऐसा ही लगता है, जहां मामले घट रहे हैं। लेकिन कुछ इलाकों में शीर्ष स्तर पहुंचना बाकी है। कुछ राज्यों में मामले बढ़ रहे हैं और वे बाद में शीर्ष स्तर तक पहुंचेंगे।
उन्होंने कहा कि दक्षिण के कुछ राज्यों, गुजरात के अहमदाबाद और मुंबई के मध्य भाग में भी मामले कम हो रहे हैं। उन्होंने कहा कि शीर्ष स्तर को छू लेने का यह मतलब नहीं है कि आप प्रयास कम कर दें। भारत के बाहर कई शहरों में खासकर अमेरिका में जब लोगों को लगा कि शीर्ष स्तर अब बीत चुका है और उन्होंने सामाजिक दूरी का पालन करना या मास्क लगाना छोड़ा, इसी बीच फिर से मामले बढ़ने लगे।
गुलेरिया ने कहा कि मामले घटने पर भी संक्रमण को नियंत्रित करने और निषिद्धि क्षेत्र को लेकर कवायद के साथ ही अन्य निर्देशों का पालन करते रहना होगा। स्वास्थ्य मंत्रालय कई मौकों पर कह चुका है कि देश में कोविड-19 का सामुदायिक संक्रमण नहीं हुआ है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय में आफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी राजेश भूषण ने 9 जुलाई को संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि देश में सामुदायिक संक्रमण का चरण नहीं आया है। (भाषा)