चिड़ियाघर के अधिकारियों ने बताया, जानवरों को गोद लेकर आपको उनके भोजन और चिकित्सा पर होने वाले खर्च में सहयोग करने का अवसर मिल सकता है। इस कार्यक्रम के द्वारा जानवरों को गोद लेने पर 80जी के तहत आयकर में छूट मिलने का प्रावधान है। 21 हाथियों को ऑनलाइन गोद लिया जा सकता है।
किंग कोबरा और इंडियन रॉक पाइथन को 3500 रुपए प्रतिवर्ष की दर से गोद लिया जा सकता है। जंगली बिल्ली और असमी बंदर को पांच हजार रुपए प्रतिवर्ष की दर से गोद लिया जा सकता है। इसी प्रकार दरियाई घोड़ा, बाघ और जिराफ समेत अन्य जानवरों को गोद लेने की वार्षिक दर तय की गई है।
सरकार द्वारा संचालित बीबीपी के कार्यकारी निदेशक वनश्री विपिन सिंह ने शुक्रवार को कहा, गोद लेने के इस कार्यक्रम का उद्देश्य केवल लाभ अर्जित करना नहीं है, बल्कि जागरूकता पैदा करना और संरक्षण कार्यों से जुड़े लोगों से संपर्क साधना है।(भाषा)