जम्मू। कोरोना वायरस (Corona virus) के प्रकोप के चलते कटरा स्थित वैष्णोदेवी तीर्थस्थान के बेस कैम्प में अभी भी 250 से अधिक श्रद्धालु फंसे हुए हैं। इनमें नेपाल से आने वाले श्रद्धालु भी हैं। हालांकि इस बीच प्रदेश में बांग्लादेश से आए छात्रों को क्वारंटाइन केंद्र से घर भेजने की अनुमति दे दी गई है क्योंकि उन्होंने 14 दिन की क्वारंटाइन अवधि को पूरा कर लिया है।
वैष्णो के दर्शनों के लिए आए नेपाल और देश के अन्य राज्यों से आए श्रद्धालु अब दिन-रात कोरोना से पैदा हुई आपदा का प्रकोप कम होने की दुआ कर रहे हैं। ताकि वह फिर घरों को लौट सकें। यह श्रद्धालु 14 दिन की क्वारंटाइन की अवधि भी पूरी कर चुके हैं लेकिन अभी घर लौटना संभव नहीं है। भले ही भोजन और अन्य व्यवस्था श्राइन बोर्ड कर रहा है पर अपने घर लौटने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं।
जबकि जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने बांग्लादेश से आए छात्रों को क्वारंटाइन केंद्र से घर भेजने की अनुमति दे दी है। इन छात्रों को क्वारंटाइन केंद्र में रखने की समयावधि समाप्त हो गई है और सैंपलों की जांच में इनमें कोरोना वायरस संक्रमण नहीं पाया गया है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग ने इन छात्रों को घर जाकर भी कुछ और दिनों के लिए अपने आप को परिवार के दूसरे सदस्यों से अलग रहने की सलाह दी है। इन छात्रों के क्वारंटाइन केंद्रों से जाने के बाद अन्य संदिग्ध कोरोना संक्रमण व्यक्तियों को यहां रखा जाएगा।
याद रहे नेपाल के 34 श्रद्धालु 10 मार्च को वैष्णोदेवी के दर्शन के लिए कटड़ा पहुंचे थे। विदेश से आने के कारण इन्हें आवश्यक क्वारंटाइन के लिए रख लिया गया। 10 से 15 मार्च के बीच यहां पहुंचे उत्तर प्रदेश, दिल्ली, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, बिहार व हिमाचल प्रदेश के 66 श्रद्धालुओं को स्वास्थ्य कारणों और विदेश की ट्रैवल हिस्ट्री के कारण यात्रा से रोक दिया गया और आवश्यक क्वारंटाइन के लिए भेज दिया गया। अब यह आवश्यक क्वारंटाइन पूरा कर चुके हैं पर लॉकडाउन के कारण घर लौटने का कोई विकल्प नहीं है।
नेपाल के बीरगंज से आए महेंद्र गर्ग ने कहा कि हम यहां दर्शनों के लिए आए थे लेकिन यात्रा हिस्ट्री नेपाल की होने के कारण हमें यात्रा पर्ची के बावजूद भी यहीं रोक लिया गया और क्वारंटाइन केंद्र में भेज दिया गया। उनके ग्रुप में ही आई सुनीता मिश्रा कहती हैं कि अब सभी रिपोर्ट निगेटिव आई हैं पर 24 तारीख के बाद यहां से निकलना संभव नहीं हो पा रहा।
सुनीता तिवारी कहती हैं कि कुछ दिन भोजन की दिक्कत रही पर प्रशासन से अनुरोध करने के बाद पर्यटन विभाग के काम्प्लेक्स में ठहरने की व्यवस्था हो गई। खाने की व्यवस्था भी श्राइन बोर्ड कर रहा है पर घर की याद आ रही है। अब तो मां भवानी कृपा करें और हम घरों को लौटें। एक अन्य श्रद्धालु बताते हैं कि उन्होंने गाड़ी की व्यवस्था कर ली थी पर प्रशासन से जाने की इजाजत नहीं मिल पाई।