बनर्जी ने कहा कि भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के दिशा-निर्देशों के अनुसार कोविड-19 के (पॉजिटिव रिपोर्ट वाले) मरीजों और इसके संदिग्ध मरीजों के शवों के अंतिम संस्कार के प्रोटोकॉल में कोई अंतर नहीं है। उन्होंने कहा कि दिक्कत यह है कि अगर संदेह है कि मरीज की मौत कोविड-19 के कारण हुई है तो जांच रिपोर्ट आने में 10 से 12 घंटे लगते हैं। परिवार के सदस्यों को तब तक इंतजार करना पड़ता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि अब उन्हें इंतजार नहीं करना होगा। हम उन्हें शव को देखने के लिए आंधे घंटे का वक्त देंगे, लेकिन यह कवर के अंदर होगा। अंतिम संस्कार आईसीएमआर के दिशा-निर्देशों के मुताबिक ही होगा। (भाषा)