यह दृश्य न सिर्फ उत्तर प्रदेश के माफिया राज की खौफनाक दास्तां बता रहा था, बल्कि पुलिस, प्रशासन, सिस्टम, राजनीति और अंडरवर्ल्ड तक के कनेक्शन के पूरे जाल की तस्वीर पेश कर रहा था। ठीक दो या तीन दिन पहले अतीक के बेटे असद को पुलिस एनकाउंटर में मार गिराया गया था, उसके बाद अब उसके पिता और चाचा की यूं सरेआम हत्या हो जाना अपराध में राजनीति या राजनीति में अपराध की जम चुकीं जड़ों की गहराई के बारे में चीख- चीख कर बता रहा था।