निवेश ऐसा हो जो सुरक्षित भी हो और उस पर रिर्टन पर ज्यादा मिले। EPF में यह सारी बातें हैं। सबसे खास बात यह है कि यह प्राइवेट नौकरी करने वालों के लिए बुढ़ापे का सबसे बड़ा सहारा होता है क्योंकि अलग-अलग तरह के खर्चों- लोन की किश्त, बच्चों की फीस, मेडिक्लेम आदि के चलते वह बचत कर ही नहीं पाना। यह एक रिटायरमेंट फंड है। जरूरत के समय पीएफ से पैसा निकाला जा सकता है, लेकिन बार-बार EPF से पैसा निकालने से आपका रिटायरमेंट फंड घट जाता है।
EPF क्या है? उसमें कितना निवेश किया जा सकता है? इसमें से पैसे कब और कैसे निकाले जा सकते हैं? UAN नंबर क्या है और यह क्यों जरूरी है? इसमें निवेश कितना सुरक्षित आदि कई ऐसे सवाल है जो इसमें निवेश करने वाले लोगों को परेशान करते हैं।
क्या है EPFO : कर्मचारी भविष्य निधि संगठन भारत सरकार का अनिवार्य अंशदायी पेंशन और बीमा योजना प्रदान करने वाला संगठन है। यह दुनिया का सबसे बड़ा सोशल सिक्यूरिटी प्रदान करने वाला संगठन है। 31 मार्च 2022 तक इसके सदस्यों की संख्या 27.74 करोड़ थी। यह संगठन 3 योजनाएं ईपीएफ स्कीम 1952, पेंशन स्कीम 1995 (EPS) और इंश्योरेंस स्कीम 1976 (EDLI) चलाता है। देशभर में इसके 21 झोनल ऑफिस, 138 रिजनल ऑफिस, 114 डिस्ट्रिक्ट ऑफिस, 5 स्पेशल स्टेट ऑफिस और 4 सर्विस सेंटर है।
EPF क्या है : कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) केंद्रीय कर्मचारी भविष्य निधि संगठन द्वारा प्राइवेट कंपनी में काम करने वाले कर्मचारियों के हित में चलाई जाने वाली योजना है। वह निजी कंपनी जिसमें 20 या उससे ज्यादा कर्मचारी काम करते हैं, उसके कर्मचारियों की सैलरी में से कुछ हिस्सा ईपीएफ में जमा कराया जाता है। ईपीएफ के तहत बेसिक सैलरी का 12 फीसदी हिस्सा पीएफ फंड में जमा होता है। इतना ही हिस्सा नियोक्ता की ओर से भी जमा किया जाता है। ईपीएफ पर जमा पैसों पर कंपाउंडिंग इंटरेस्ट का लाभ मिलता है। नियोक्ता के हिस्से में से 8.33 फीसदी कर्मचारी पेंशन योजना (Employee's Pension Scheme- EPS) में चला जाता है, जबकि शेष 3.67 फीसदी हिस्सा EPF में निवेश किया जाता है। रिटायरमेंट के बाद पीएफ का पैसा कर्मचारियों को एकमुश्त और ईपीएस का पैसा पेंशन के तौर पर मिलता है।
एक निजी कंपनी की HR मैनेजर वर्षा शर्मा ने कहा कि पीएफ कर्मचारियों के लिए बेहद जरूरी है। यह बूंद-बूंद से सागर भरने वाली कहावत को चरितार्थ करता है। रिटायरमेंट के समय मिलने वाली एक मुश्त रकम के साथ हर माह मिलने वाली पेंशन भी कर्मचारियों को बड़ी राहत देती है। हर कंपनी को अपने कर्मचारियों का पीएफ जरूर काटना चाहिए। पैसे निकालने को लेकर इसके सख्त नियम भी कर्मचारियों के हित में ही है।
कितना सेफ है EPFO में पैसा : ईपीएफ में जमा पैसा पुरी तरह सुरक्षित होता है क्योंकि सरकार इसमें जमा रकम की पूरी गारंटी देती है। इसका नियामक EPFO होता है जो एक सरकारी संगठन है। FD, RD, स्मॉल सेविंग्स की तुलना में यहां सबसे ज्यादा ब्याज मिलता है। यही वजह है कि कई लोग EPF अकाउंट में स्वेच्छ से ज्यादा पैसा भी डालते हैं।
EPFO कहां निवेश करता है आपका पैसा : EPFO फंड का पैसा सरकारी प्रतिभूतियों और सरकार द्वारा गारंटेड प्रतिभूतियों, ऐसे म्यूचुअल फंड जिनका पैसा सरकारी प्रतिभूतियों में लगा हो और जो सेबी द्वारा रेगुलेट हो में 45 से 65 प्रतिशत तक, डेब्ट इंस्ट्रूमेंट और उससे संबंधित इनवेस्टमेंट्स में 20 से 45 फीसदी, शार्ट टर्म डेब्ट इंस्ट्रूमेंट्स में 5 फीसदी तक, इक्विटी और इससे जुड़े निवेश में 5 से 15 फीसदी और अन्य जगह 5 फीसदी निवेश किया जा सकता है। पेंशन फंड से प्राप्त धन का एक बड़ा हिस्सा सेंट्रल गवर्नमेंट के पब्लिक अकाउंट में भी रहता है।
ईपीएफओ की वार्षिक रिपोर्ट के अनुसार, 31 मार्च 2022 तक स्टेट डेवलपमेंट लोन में 42.69%, सेंट्रल गर्वनमेंट सिक्यूरिटी में 18.06%, स्टेट गारंटेड सिक्युरिटी में 0.98%, स्पेशल डिपोजिट स्कीम में 4.84%, PSU/PSFI के कॉरपोरेट बांड में 18.09%, प्राइवेट सेक्टर के कॉरपोरेट बांड में 5.10%, ईटीएफ में 9.24% और TREPS/LMF में 1.02 फीसदी निवेश किया गया है।
PF अकाउंट में पैसा नहीं जमा करने पर क्या करें : यदि नियोक्ता द्वारा पीएफ अकाउंट में पैसा जमा नहीं किया जाता है तो आप EPFO की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर मामले की शिकायत कर सकते हैं। वेबसाइट पर आप Register Grievance पर जाएं, इस पर क्लिक करें। फिर PF मेंबर, EPS Pensioner, Employer में से किसी एक ऑप्शन को सेलेक्ट करें। इसमें PF मेंबर को चुनें और UAN नंबर और सिक्योरिटी कोड इंटर करें। अब Get Details ऑप्शन पर जाकर क्लिक करें। फिर Get OTP पर जाएं। यह पर मांगी गई जानकारी भरकर आप शिकायत दर्ज करा सकते हैं। अगर कंपनी ने आपके पैसे जमा नहीं कराए है तो उस पर सख्त कार्रवाई की जाती है। आमतौर पर नियोक्ता 2 तरह से आपका पैसा पीएफ में जमा नहीं करते हैं। एक तो वे कर्मचारी के खाते से पैसा काटने के बाद भी पीएफ खाते में जमा नहीं करते और दूसरा वे कर्मचारी के खाते से पैसा काटते ही नहीं है। दोनों ही मामलों में शिकायत की जा सकती है।
कितना मिलता है ब्याज : हर वर्ष EPF पर मिलने वाले ब्याज की दर अलग रहती है। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने 2021-22 के लिए ईपीएफ जमा पर ब्याज दर 8.1 फीसदी निर्धारित की। 2020-21 में यह दर 8.5 फीसदी दी। ईपीएफओ ने 2019-20 के लिए भविष्य निधि जमा पर ब्याज दर 8.5 फीसदी करने का फैसला किया था, जो 2018-19 में 8.65 फीसदी थी।
पेशे से अकाउंटेंट अनिल जायसवाल ऐसी कंपनी में भी काम कर चुके हैं जहां ईपीएफ कटता था और वे पीएफ नहीं काटने वाली कंपनी में भी काम कर चुके हैं। उनका कहना है कि ईपीएफ कटता है तो कर्मचारी की सेविंग हो जाती है। एफडी से ज्यादा इंटरेस्ट मिलता है। अगर लंबे समय तक काम करता है तो कई सुविधा मिल जाती है जो बुढ़ापे में उसके काम आती है। ऑनलाइन सुविधा मिलने से अब पैसों के लिए भी नहीं भटकना पड़ता है।
क्या होता है UAN नंबर : जिन कर्मचारियों का ईपीएफओ में खाता है, उन्हें यूनिवर्सल अकाउंट नंबर दिया जाता है। इस नंबर की मदद से वे कहीं भी ऑनलाइन अपने पीएफ खाते की सारी जानकारी देख सकते हैं। यूनिवर्सल अकाउंट नंबर से नई जगह नौकरी ज्वाइन करते ही कर्मचारी को अपना यूनिवर्सल अकाउंट नंबर नई कंपनी और संगठन को बताना होगा। इससे संगठन के पुराने खाते में पीएफ योगदान ट्रांसफर किया जाने लगेगा। ईपीएफओ की वेबसाइट से आप खुद अपना यूएएन नंबर जनरेट कर सकते हैं। 31 मार्च 2022 तक 16.70 कर्मचारियों को UAN नंबर आवंटित किया जा चुका है।
कैसे चेक कर सकते हैं अपने बैलेंस : प्रॉविडेंट फंड (Provident Fund) बैलेंस को चेक करना अब बहुत आसान हो गया है। आप 4 तरह से अपना ईपीएफ बैलेंस जान सकते हैं। उमंग ऐप, ईपीएफओ मेंबर ई-सेवा पोर्टल, एसएमएस या मिस्ड कॉल सर्विस से आप आसानी से बैलेंस जान सकते हैं।
EPF चेक करने के 4 तरीके
1. उमंग ऐप द्वारा : EPFO मेंबर्स उमंग ऐप के जरिए मोबाइल फोन पर अपना पीएफ बैलेंस देख सकते हैं। ऐप की मदद से क्लेम भी किया जा सकता है।
2. SMS से बैलेंस का पता : अगर आपका यूएएन EPFO के पास रजिस्टर्ड है तो आप अपने रजिस्टर्ड मोबाइल पर पीएफ बैलेंस की जानकारी एक मैसेज से प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिए आपको 7738299899 पर EPFOHO UAN ENG लिखकर भेजना होगा।
3. मिस्ड कॉल देकर : अगर आप यूएएन पोर्टल पर रजिस्टर्ड हैं तो आप अपने रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर से 011-22901406 पर मिस्ड कॉल दें। इसके बाद ईपीएफओ से एक मैसेज मिलेगा। इसमें आपके पीएफ खाते की सारी जानकारी आपको मिल जाएगी।
4. वेबसाइट पर पासबुक : सबसे पहले आप EPFO की वेबसाइट पर जाएं, Employee Centric Services पर क्लिक करें, view Passbook को चुनें और पासबुक देखने के लिए UAN से लॉग-इन करें।
6 लाख तक का मुफ्त बीमा कवर : संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को पीएफ (PF) अकाउंट के साथ 7 लाख रुपए तक का लाइफ इंश्योरेंस कवर मुफ्त मिलता है। सबसे बड़ी बात यह है कि अपनी नौकरी की अवधि में कोई भी कर्मचारी इसके लिए कोई कंट्रीब्यूशन नहीं देता। अगर किसी EPFO सदस्य की आकस्मिक मृत्यु हो जाती है तो नॉमिनी लाइफ इन्श्योरेंस की राशि को क्लेम कर सकता है। EPFO सदस्य को बीमा कवर की यह सुविधा एम्प्लॉई डिपॉजिट लिंक्ड इंश्योरेंस स्कीम (EDLIS) के तहत दी जाती है।
कब निकाल सकते हैं पैसा : अगर आप नौकरी छोड़ रहे हैं और 2 माह तक आपके पास नौकरी नहीं है तो आप अपने पीएफ अकाउंट से पैसा निकाल सकते हैं। अगर आप विदेश में बसने जा रहे हैं तो अपना पैसा तुरंत निकाल सकते हैं। महिला कर्मचारी शादी के बाद दूसरे शहर जा रही है तो अपना पूरा पैसा निकाल सकती है। एक नौकरी छोड़कर दूसरी नौकरी ज्वाइन करने पर, पुराना पीएफ पूरा नहीं निकाल सकते। बल्कि, पुराने ईपीएफ अकाउंट का पैसा नए ईपीएफ अकाउंट में ट्रांसफर जरूर कर सकते हैं। रिटायरमेंट के बाद आप पीएफ का पैसा कभी भी निकाल सकते हैं।
बीमारी, हादसे या कंपनी बंद होने पर आप अपने पीएफ अकाउंट से तुरंत पैसा निकाल सकते हैं। 7 साल की नौकरी पूरी होने के बाद, आप अपने पुत्र-पुत्री या भाई-बहन की शादी के लिए ईपीएफ अकाउंट से पैसा निकाल सकते हैं। शादी के लिए आप अपने अंशदान का 50 प्रतिशत तक पैसा निकाल सकते हैं। अपनी या अपने बच्चों की उच्च शिक्षा के लिए अपने पीएफ अकाउंट से अपने अंशदान का 50 प्रतिशत तक निकाल सकते हैं। 5 साल की नौकरी पूरी होने के बाद घर खरीदने, बनवाने, या मरम्मत के लिए या घर के लिए जमीन लेने के लिए आप अपने ईपीएफ खाते से पैसे निकाल सकते हैं। 10 साल की नौकरी के बाद आप होम लोन चुकाने के लिए भी EPF से पैसा निकाल सकते हैं। रिटायरमेंट से 2 साल पहले आप कुल पैसों का 90 फीसदी निकाल सकते हैं।
अगर आप ऑफलाइन अप्लाय करते हैं तो अधिकतम 20 दिन में पैसा आपके खाते में आ जाएगा। ऑनलाइन अप्लाय करने पर क्लेम मात्र 7 दिन में ही मिल जाता है।
इन बातों का रखें ध्यान : EPFO ने PF सब्सक्राइबर्स के क्लेम रिजेक्शन से निपटने के लिए कड़े दिशा-निर्देश जारी किए हैं। कई बार उनके क्लेम किसी वजह से रिजेक्ट हो जाते हैं। अगर जांच के दौरान कोई गलती पाई जाती है, तो सदस्य को इसका कारण बताना चाहिए। आपको PF अकाउंट से पैसे निकालने के लिए सही क्लेम करना होगा। अगर आपका बैंक अकाउंट पीएफ से लिंक है। KYC कंपलिट है, नाम और पता सही है तो क्लेम आसानी से पास हो जाता है। अगर आपने अपने अकाउंट में नॉमिनी का नाम नहीं जोड़ा है तो जरूर जोड़ लें। पीएफ खाताधारक को अपना UAN नंबर और आईडी पासवर्ड किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहिए।
टैक्स फ्री नहीं है ब्याज : अगर कोई कर्मचारी एक वित्त वर्ष में अपने प्रोविडेंट फंड में 2.5 लाख रुपए से ज्यादा अंशदान करता है तो उसे 2.5 लाख रुपए के ऊपर डिपॉजिट रकम के ब्याज पर टैक्स चुकाना होगा। अगर किसी ने EPF में 3 लाख रुपए का निवेश किया है तो उसे अतिरिक्त 50,000 रुपए पर मिले ब्याज पर टैक्स लगेगा। वह व्यवस्था नए वित्त वर्ष से लागू होगी। प्रोविडेंट फंड से इनकम पर अभी तक कोई टैक्स नहीं लगता था। सरकार का मानना है कि लोगों ने इस प्रावधान का दुरुपयोग किया।
नॉमिनी को ऐसे मिलेगा बीमा : PF खाताधारक की मृत्यु होने की स्थिति में अकाउंट का नॉमिनी इंश्योरेंस की राशि के लिए क्लेम कर सकता है। इसके लिए इंश्योरेंस कंपनी को डेथ सर्टिफिकेट, सक्सेशन सर्टिफिकेट और बैंक जानकारी देने की आवश्यकता होती है। अगर पीएफ खाते का कोई नॉमिनी नहीं है तो फिर कानूनी उत्तराधिकारी यह अमाउंट क्लेम कर सकता है।
PF खाते से पैसा निकालने के लिए एंप्लॉयर के पास जमा होने वाले फॉर्म के साथ इंश्योरेंस कवर का फॉर्म भी जमा कर दें। इस फॉर्म को एंप्लॉयर सत्यापित करता है और इसका भुगतान 30 दिनों के अंदर ईपीएफओ द्वारा बैंक खाते में जमा कर दिया जाता है।
पीएफ निकालने के लिए फॉर्म कौन सा भरना पड़ता है? : पैसा ऑफलाइन निकालना हो या ऑनलाइन, अलग-अलग स्थितियों में पीएफ निकालने के लिए अलग-अलग फॉर्म भी होते हैं। रिटायरमेंट के बाद या नौकरी छोड़ने के बाद पीएफ का पूरा पैसा निकालने के लिए Form 19 भरकर जमा करना पड़ता है।
एडवांस पीएफ या पीएफ का कुछ हिस्सा निकालने के लिए फॉर्म 31 भरकर जमा करना पड़ता है। पीएफ अकाउंट से जुड़े पेंशन अकाउंट का पैसा निकालने के लिए आपको Form10C भरकर जमा करना पड़ता है। 10 साल से कम नौकरी होने पर, आपको अपनी पेंशन निकालने या अगली नौकरी में जुड़वाने के विकल्प मिलते हैं।
वर्तमान में ईपीएफ अपने पेंशनधारकों को न्यूनतम 1000 रुपए प्रतिमाह पेंशन देता है। आपने कितने समय तक नौकरी की है वही आपकी पेंशन योग्य सेवा मानी जाती है। कर्मचारी को EPS स्कीम सर्टिफिकेट हासिल करना होता है और हर बार नौकरी बदलने पर उसे यह सर्टिफिकेट नए संस्थान के पास जमा करना आवश्यक है। कर्मचारी को 20 साल की सेवा पूरी करने के बाद 2 साल का बोनस मिलता है।
ज्यादा पेंशन का विकल्प : EPFO के सदस्य अपने नियोक्ताओं के साथ संयुक्त रूप से 3 मई, 2023 तक अधिक पेंशन का विकल्प चुनकर इसके लिए आवेदन कर सकेंगे। उन्हें इसके लिए सेवानिवृत्ति कोष संगठन के एकीकृत सदस्य पोर्टल पर आवेदन करना होगा। हालांकि, यह ऑप्शन सिर्फ उन्हीं कर्मचारियों को मिलेगा जो 31 अगस्त 2014 को ईपीएफ के सदस्य थे। उन्होंने ईपीएस के तहत हायर पेंशन का ऑप्शन नहीं चुना है। ईपीएफओ ने कहा कि जिन कर्मचारियों ने 5,000 रुपए या 6,500 रुपए की तत्कालीन वेतन सीमा से अधिक वेतन में योगदान दिया था और जिन कर्मचारियों ने EPS-95 के सदस्य होने के दौरान संशोधित योजना के साथ ईपीएस के तहत ऑप्शन चुना था, वह हायर पेंशन कवरेज के लिए पात्र हैं।
बहरहाल कहा जा सकता है कि ईपीएफ सरकार की प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कर्मचारियों के लिए लांच की गई जन हितैषी योजना है। अगर इसमें से पैसा नहीं निकाला जाए तो यह रिटायरमेंट के बाद उसके बुढ़ापे की लाठी बन सकती है।