भारत ने अपनी पहली इंटर कॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल अग्नि-5 का सफल परीक्षण कर लिया है। ओडिशा के चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज में बुधवार को इसका परीक्षण हुआ। यह मल्टिपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (MIRV) टेक्नोलॉजी से लैस है। यानी इसे एक साथ कई टारगेट्स पर लॉन्च किया जा सकता है। इसका पहला परीक्षण अप्रैल 2012 में हुआ था।
पाकिस्तान, चीन, तुर्किए तक मारने की क्षमता
अग्नि-5 की रेंज 5000 किमी है। ऐसे में यह मिसाइल पाकिस्तान, चीन, तुर्किये जैसे कई देशों तक मार करने की क्षमता रखती है। मिसाइल 7500 किलोग्राम के बंकर बस्टर वॉरहेड ले जाने और जमीन में 100 मीटर की गहराई तक जाकर दुश्मनों के न्यूक्लियर सिस्टम, रडार सिस्टम, कंट्रोल सेंटर, हथियार स्टोरेज को तबाह कर सकेगी। परीक्षण में मिसाइल सभी परिचालन और तकनीकी मापदंडों पर खरी उतरी। यह परीक्षण सामरिक बल कमान के तत्वावधान में किया गया। रक्षा सूत्रों ने बताया कि रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने 11 मार्च 2024 को इसी परीक्षण रेंज से मल्टीपल इंडिपेंडेंटली टार्गेटेबल री-एंट्री व्हीकल (एमआईआरवी) तकनीक का इस्तेमाल करके अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया था।
सूत्रों के अनुसार, विभिन्न दूरमापी और रडार केंद्रों से इस पूरे परीक्षण पर नजर रखी गई और यह मिसाइल सभी निर्धारित मापदंडों पर खरी उतरी। भारत ने पहली बार अग्नि-5 मिसाइल का सफल परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को चांदीपुर स्थित एकीकृत परीक्षण रेंज से किया था। तब इस मिसाइल को हिंद महासागर में एक निर्दिष्ट बिंदु पर प्रक्षेपित किया था। Edited by : Sudhir Sharma