ICC World Cup 2019 : दक्षिण अफ्रीका वर्ल्ड कप में बिगाड़ सकता है श्रीलंका का समीकरण

Webdunia
गुरुवार, 27 जून 2019 (18:02 IST)
चेस्टर ली स्ट्रीट। श्रीलंकाई टीम का उतार-चढ़ाव के दौर के बाद इंग्लैंड पर मिली जीत से आत्मविश्वास लौटा है और अब सेमीफाइनल की उम्मीदें बरकरार रखने के लिए शुक्रवार को उसका मुकाबला दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ होगा, जो पहले ही होड़ से बाहर हो चुकी है, लेकिन उसके समीकरण बिगाड़ सकती है।
 
ऑस्ट्रेलिया के सेमीफाइनल में जगह बनाने के बाद अब शेष 3 बचे स्थानों पर मुकाबला कड़ा हो चुका है और श्रीलंका के लिए बचे हुए सभी मैचों में जीत दर्ज करना अनिवार्य हो गया है। श्रीलंकाई टीम ने 6 मैचों में से 2 जीते हैं और 2 हारे हैं जबकि 2 में कोई परिणाम नहीं निकला। टीम 6 अंक लेकर तालिका में 7वें नंबर पर है जबकि अफ्रीकी टीम के पास अब खोने के लिए कुछ नहीं है। वह तालिका में 9वें नंबर पर है और सेमीफाइनल की होड़ से बाहर हो चुकी है।
 
दक्षिण अफ्रीकी टीम बचे हुए अपने मैचों में भले ही जीत से कुछ हासिल न कर पाए लेकिन विपक्षी टीमों के समीकरण बिगाड़ सकती है और श्रीलंका को उससे उलटफेर से बचना होगा। अफ्रीकी टीम का मौजूदा विश्व कप में अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा है, जब वह पहले राउंड को भी पार नहीं कर सकी है। उसने अपने 7 मैचों में 5 में शिकस्त झेली है।
 
श्रीलंका की पिछले मैच में मेजबान इंग्लैंड के खिलाफ 20 रनों की जीत ने सभी को न सिर्फ चौंका दिया था बल्कि उसके लिए भी उम्मीदें बनाए रखी हैं। टीम के लिए हालांकि अपने खेल में और आक्रामकता लाने की जरूरत है। दोनों ही टीमों का बल्लेबाजी क्रम कमजोर रहा है लेकिन श्रीलंका के पास मजबूत गेंदबाजी क्रम है, जो उसके लिए मैच विजेता रहा है।
 
अनुभवी तेज गेंदबाज लसित मलिंगा और धनंजय डीसिल्वा ने इंग्लैंड के खिलाफ टीम के 233 रनों के छोटे लक्ष्य का बचाव करने में भी अहम भूमिका निभाई थी। मलिंगा को 4 और सिल्वा को 3 विकेट मिले जबकि मध्यम तेज गेंदबाज इसुरू उदारा ने 2 विकेट निकाले थे। इसके अलावा नुवान प्रदीप भी टीम के उपयोगी गेंदबाज हैं जिनका अहम योगदान रहा है और अफ्रीकी टीम को नियंत्रित करने में गेंदबाजों पर अतिरिक्त जिम्मेदारी रहेगी।
 
आलोचनाओं में घिरी अफ्रीकी टीम की कोशिश रहेगी कि वह बचे हुए मैचों में सांत्वना जीत हासिल करे, ऐसे में वह बिना किसी दबाव के उतरेगी, जो श्रीलंका के लिए घातक हो सकता है। श्रीलंकाई टीम के लिए अपने बल्लेबाजी क्रम में सुधार की जरूरत है। पिछले मैच में अनुभवी एंजेलो मैथ्यूज ने नाबाद 85 रनों की पारी खेलकर टीम को लड़ने लायक स्कोर तक पहुंचाया था। इसके अलावा अविष्का फर्नांडो, कुशल मेंडिस, डीसिल्वा भी अच्छे स्कोरर हैं।
 
हालांकि दिमुथ करुणारत्ने और परेरा से अपेक्षा रहेगी कि वे बतौर ओपनिंग जोड़ी टीम को मजबूत शुरुआत दिलाएं। इंग्लैंड के खिलाफ दोनों बल्लेबाज पहले विकेट के लिए 3 रनों ही जोड़ सके थे और सस्ते में आउट हुए थे। अपनी उम्मीदें बरकरार रखने के लिए बल्लेबाजों को अधिक जिम्मेदारी से खेलना होगा।
 
दूसरी ओर अफ्रीकी टीम के पास कप्तान फाफ डू प्लेसिस, क्विंटन डी कॉक, हाशिम अमला, डेविड मिलर, आंद्रले फेहलुकवायो के रूप में बढ़िया बल्लेबाजी क्रम है जबकि गेंदबाजों में कगिसो रबादा, लुंगी एनगिदी और इमरान ताहिर जैसे मजबूत गेंदबाज हैं जिन्होंने लगातार अच्छा खेल दिखाया है। एनगिदी ने पाकिस्तान के खिलाफ 3 विकेट निकाले थे, लेकिन गेंदबाज कुछ महंगे साबित हुए।
 
अफ्रीकी टीम के प्रदर्शन में निरंतरता की कमी है और उम्मीद की जा सकती है कि अब बिना किसी दबाव के वह जीत के लिए खुलकर प्रदर्शन करे। 

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