विश्व कप सेमीफाइनल में भारतीय गेंदबाजों के धमाल के बाद बारिश ने बढ़ाया इंतजार

बुधवार, 10 जुलाई 2019 (00:08 IST)
मैनचेस्टर। भारतीय गेंदबाजों ने अपनी मारक क्षमता और अनुशासित गेंदबाजी का शानदार नमूना पेश करके विश्व कप के पहले सेमीफाइनल में मंगलवार को यहां न्यूजीलैंड पर अपनी टीम का पलड़ा भारी रखा लेकिन बारिश के खलल के कारण मैच पूरा नहीं हो पाया और अब यह आगे बुधवार को खेला जाएगा। 
 
न्यूजीलैंड ने जब 46.1 ओवर में पांच विकेट पर 211 रन ही बनाए थे तभी बारिश आ गई, जिसके बाद दिन में आगे का खेल नहीं हो पाया। अंपायरों ने भारी बारिश के कारण आउटफील्ड गीली होने से मैच 'रिजर्व दिन' को पूरा करने का फैसला किया। 
 
सेमीफाइनल और फाइनल के लिए रिजर्व दिन रखा गया है लेकिन इसमें मैच नए सिरे से शुरू नहीं होगा। इस तरह से बुधवार को न्यूजीलैंड बाकी बचे 3.5 ओवर खेलेगा और उसके बाद भारतीय पारी शुरू होगी।
अगर कल भी बारिश खलल डालती है और न्यूजीलैंड आगे बल्लेबाजी नहीं कर पाता है तो डकवर्थ-लुईस नियम से भारत को 46 ओवरों में 237 रन बनाने होंगे। यदि केवल 20 ओवर का खेल संभव होता है तो भारत के सामने 148 रन का लक्ष्य होगा। बुधवार को भी मैच पूरा नहीं होने की दशा में भारत लीग चरण में अधिक अंक हासिल करने के कारण फाइनल में पहुंच जाएगा। 
 
बारिश आने से पहले हालांकि भारतीय गेंदबाजों ने समां बांध रखा था। न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियम्सन (95 गेंदों पर 67) ने हेनरी निकोल्स (51 गेंदों पर 28) के साथ दूसरे विकेट के लिए 68 और रोस टेलर (नाबाद 67) के साथ तीसरे विकेट के लिए 65 रन की दो अर्धशतकीय साझेदारियां की लेकिन भारतीय गेंदबाजों ने सही समय पर विकेट निकाले।
 
जसप्रीत बुमराह (25 रन देकर एक) और भुवनेश्वर कुमार (30 रन देकर 1) ने शुरू से ही कसी हुई गेंदबाजी करके न्यूजीलैंड पर दबाव बनाया। बीच के ओवरों में रविंद्र जडेजा (34 रन देकर 1) ने यह भूमिका बखूबी निभाई। हार्दिक पंड्या (55 रन देकर 1) और युजवेंद्र चहल (63 रन देकर 1) ने भी अच्छी गेंदबाजी की भले ही आखिरी ओवरों में रन देने के कारण उनका गेंदबाजी विश्लेषण आकर्षक नहीं रहा। 
 
गेंद शुरू में स्विंग ले रही थी तथा बुमराह और भुवनेश्वर ने बल्लेबाजों पर अच्छी तरह से दबाव बनाया। विराट कोहली टॉस गंवा बैठे और इसके बाद पहले गेंदबाजी करते हुए उन्होंने पहली गेंद पर अपना रेफरल भी गंवा दिया। 
मार्टिन गुप्टिल (1) इसका फायदा नहीं उठा पाए और बुमराह ने चौथे ओवर में उन्हें कोहली के हाथों कैच कराकर स्कोर एक विकेट पर एक रन कर दिया। न्यूजीलैंड पहले पावरप्ले तक वह 27 रन तक ही पहुंच पाया, जो इस विश्व कप में पहले दस ओवरों में किसी भी टीम का न्यूनतम स्कोर है। 
 
निकोल्स भले ही 18 ओवर से अधिक समय तक क्रीज पर रहे लेकिन इस बीच तेज और स्पिन मिश्रित आक्रमण के सामने उन्हें लगातार संघर्ष करना पड़ा। विलियम्सन और निकोल्स जब पारी संवार रहे थे, तब जडेजा ने ‘विकेट टु विकेट’ गेंद करके बल्लेबाजों को परेशानी में रखा। बाएं हाथ के इस स्पिनर ने अंदर आती गेंद पर निकोल्स को चकमा देकर उनका मिडिल स्टंप थर्राया और उन्हें लंबी पारी नहीं खेलने दी। 
 
पहले 25 ओवरों में स्कोर दो विकेट 83 रन था। इस बीच भारतीय गेंदबाजों ने 150 में से 102 गेंदों पर रन नहीं दिए थे, जिससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि गेंदबाज कितने हावी थे। इस बीच 14वें ओवर के बाद 28वें ओवर में गेंद ने सीमा रेखा के दर्शन किए। 
बुमराह 32वें ओवर में दूसरे स्पैल के लिए आए। उन्हें आते ही टेलर (तब 22 रन) का विकेट का मिल जाता लेकिन विकेटकीपर महेंद्र सिंह धोनी ने कैच छोड़ दिया। बल्लेबाजों पर हालांकि रन बनाने का दबाव था और ऐसे में विलियम्सन  ने कदमों का इस्तेमाल किए बिना चहल की गेंद बैकवर्ड प्वाइंट पर खेली लेकिन वह बल्ले का बाहरी किनारा लेकर जडेजा के सुरक्षित हाथों में चली गई। 
 
कीवी कप्तान ने छह चौके लगाए और इस बीच न्यूजीलैंड की तरफ से किसी एक विश्व कप में सर्वाधिक रन (548) बनाने वाले बल्लेबाज बने। उनका स्थान लेने के लिए उतरे जिम्मी नीशाम (12) ने भी हवा में गेंद लहराई। 
 
न्यूजीलैंड की पारी का पहला छक्का 44वें ओवर में टेलर ने चहल की गेंद पर लगाया जिससे उन्होंने अपना 50वां वनडे अर्धशतक भी पूरा किया। भुवनेश्वर ने कोलिन डि ग्रैंडहोम (16) को विकेट के पीछे कैच कराकर कीवी टीम को डेथ ओवरों के शुरू में बड़ा झटका दिया। न्यूजीलैंड ने जब 46.1 ओवर में 5 विकेट पर 211 रन बनाए थे, तब तेज बारिश ने खेल रोक दिया, जो दोबारा शुरु नहीं हो सका।

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