केएल राहुल ने जीता बेस्ट फील्डर मेडल, कोच टी दिलीप ने दूसरी बार नवाजा

सोमवार, 30 अक्टूबर 2023 (15:01 IST)
कोच टी दिलीप ने इस साल वनडे विश्वकप में एक नया फील्डिंग मेडल देने की प्रक्रिया शुरु की है। मैच के बाद खिलाड़ी को यह दिया जाता है, जिसने सबसे बेहतरीन फील्डिंग की हो। कल इंग्लैंड से हुए मैच में विकेटकीपर केएल राहुल ही एकमात्र खिलाड़ी थे जिन्होंने कैच लिया बाकी सारे इंग्लैंड के विकेट पगबाधा या फिर बोल्ड हुए। यह दूसरा मौका है जब केएल राहुल ने ड्रेसिंग रूम में यह मेडल जीता हो। इससे पहले भी वह यह मेडल  न्यूजीलैंड के खिलाफ हुए मैच में जीत चुके हैं।

KL Rahul becomes the first player to win the best fielder medal twice in World Cup 2023. pic.twitter.com/v55mm5DQdm

— Johns. (@CricCrazyJohns) October 30, 2023
रिहैबिलिटेशन के दौरान बल्लेबाजी से ज्यादा ध्यान कीपिंग और फिटनेस पर दिया: लोकेश राहुल

भारतीय विकेटकीपर बल्लेबाज लोकेश राहुल के लिए उस मैदान पर लौटना ‘खट्टे-मीठे’ अनुभव की तरह रहा जहां छह महीने पहले उनकी जांघ गंभीर रूप से चोटिल हो गयी थी। इंडियन प्रीमियर लीग में लखनऊ सुपर जायंट्स के कप्तान को एक मई को रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर के खिलाफ मैच में गंभीर चोट लगी थी। उनकी जांघ की मांसपेशियों में गंभीर चोट लगी थी। इस चोट से उबरने के लिए सर्जरी की आवश्यकता थी और इसने शारीरिक और मानसिक रूप से राहुल पर बहुत बड़ा प्रभाव डाला। पिछले महीने एशिया कप में वापसी के बाद से बल्लेबाज और विकेटकीपर दोनों के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले राहुल ने उस दौर को याद किया, जिसने उन्हें एक मजबूत इंसान बनाया था।

उन्होंने कहा, ‘‘हां, मैं इस बात से थोड़ा दुखी हूं। जब भी किसी को ऐसी चोट लगती है जिससे उबरने में सर्जरी की जरूरत होती है तो उसे खेल में वापसी के लिए बहुत मेहनत करना होता है। बहुत धैर्य की जरूरत होती है। आपको काफी कुछ से गुजरना पड़ता है और यह आसान नहीं होता है।’’ उन्होंने इंग्लैंड के खिलाफ विश्व कप मैच की पूर्व संध्या पर कहा, ‘‘ मैं यह नहीं कह सकता कि (चोट) यह मेरे दिमाग में नहीं है। कल जब मैं मैदान पर आया, तो इस मैदान की पिछली यादें (गिर कर चोटिल होना) ताजा हो गयी। उम्मीद है कि मैं उन यादों को पीछे छोड़ पाउंगा।’’ राहुल ने कहा कि चोट से उबरने के दौरान उन्होंने बल्लेबाजी से ज्यादा काम फिटनेस और विकेटकीपिंग में सुधार पर किया। राहुल ने पुणे में बायीं ओर डाइव लगाकर बांग्लादेश के मेहदी हसन मिराज का शानदार कैच लपका था।

 उन्होंने कहा, ‘‘ फिट होने की प्रक्रिया के दौरान, मैंने अपनी बल्लेबाजी के साथ-साथ विकेटकीपिंग पर भी काफी ध्यान दिया। एनसीए (राष्ट्रीय क्रिकेट अकादमी की मेडिकल टीम को लगा- जिस तरह की चोट मुझे लगी थी, उसमें ज्यादा विकेटकीपिंग करना मुश्किल होगा।’’ उन्होंने कहा, ‘‘मैंने इस दौरान अपनी फिटनेस और विकेटकीपिंग पर ज्यादा ध्यान दिया। इसके बाद बल्लेबाजी का नंबर आया।  मैंने विकेटकीपिंग में काफी समय बिताया है। मुझे लगता है कि इसके लिए मेरी ओर से थोड़ा और समय और प्रयास की आवश्यकता है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘यह किसी भी अन्य कौशल की तरह ही सरल है। जितना अधिक आप इस पर काम करेंगे, आपके पास अच्छा प्रदर्शन करने का उतना बेहतर मौका होगा। मैं विकेटकीपिंग को गंभीरता से ले रहा हूं क्योंकि भारत में इन परिस्थितियों में यह काफी महत्वपूर्ण चीज है। ’’ चोटिल होने से पहले राहुल अच्छी बल्लेबाजी नहीं कर पा रहे थे और इसके कारण उन्हें आलोचना का भी सामना करना पड़ था।

राहुल ने कहा कि उन्होंने बाहर की बातों को नजरअंदाज करने का तरीका सीख लिया है। उन्होंने कहा, ‘‘मैंने लंबे समय तक टीम से बाहर के सवालों का जवाब देने की कोशिश की। मुझे लगा कि इसका मुझ पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा, लेकिन पिछले साल या उसके बाद इसने मुझ पर प्रभाव डालना शुरू कर दिया। और तब मुझे एहसास हुआ कि मुझे इस पर काम करना होगा। मैंने खुद को मानसिक रूप से मजबूत कर इन चीजों पर ध्यान देना छोड़ दिया। राहुल ने इस दौरान ने इस ओर इशारा किया कि इंग्लैंड के खिलाफ भारतीय टीम पिछले मैच वाली एकादश के साथ मैदान में उतरेगी। टीम के हरफनमौला हार्दिक पंड्या को चोट से उबरने में अभी समय लगेगा।

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