नोटबंदी का सारा पैसा सिस्टम में वापस आएगा

नोटबंदी के बाद सरकार को लगता है कि 500 और 1000 रुपए के नोट के रूप में जितना भी पैसा नोटबंदी के रुप में चलन से बाहर कर दिया गया था, जिससे टैक्स ऑथोरिटी ट्रांजेक्शंस का पता लगा सके और काला धन रखने वालों पर टैक्स लगा सके, वह वापस बैंकिंग सिस्टम में आ जाएगा। 

 

इंडियन एक्सप्रेस में प्रकाशित खबर के अनुसार रेवेन्यू सेक्रेटरी हसमुख अधिया ने कहा कि लगता है कि नोटबंदी का सारा पैसा बैंकिंग सिस्टम में वापस आएगा। 
 
अगर ऐसा होता है तो यह उस संभावना को कम करता है जिसके तहत सरकार को नोटबंदी से बैंकिंग सिस्टम के बाहर रहने वाले धन के कारण बहुत अधिक आय होने को लेकर थी। नोटबंदी के बाद, कुछ विशेषज्ञों ने घोषणा की थी कि 500 और 1000 रुपए के रुप में बाजार में चलन में होने वाले धन का एक बड़ा हिस्सा ( करीब 14.17 लाख करोड़ रुपए) बैंकिंग सिस्टम में लौटकर नहीं आएगा। 
 
इंडियन एक्सप्रेस की इस खबर में एक रिपोर्ट में एसबीआई ने अंदाज लगाया था कि 2.5 लाख करोड़ रुपए वापस नहीं आएंगे। इस तरह के आंकड़े इशारा कर रहे थे कि इस धन से सरकार को बड़ी आय होगी यह मानते हुए कि इस वजह से आरबीआई की जिम्मेदारी कम हो जाएगी। साथ ही इस धन का उपयोग सरकार मूलभूल सुविधाओं (विकास, बैंकों को धन देने) में कर सकती थी। 
 
अब तक बैंको में करीब 11 लाख करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं और अगर सभी 500 और 1000 रुपए के नोट बैंकिंग सिस्टम में लौट आते हैं, तो रेवेन्यू सेक्रेटरी के कहे अनुसार, यह नोटबंदी पर हुए खर्चे को लेकर और सवाल खड़े करता है। सेंटर फॉर मोनिटरिंग द इंडियन इकोनॉमी या सीएमआईई, इकोनॉमी के विषय में घोषणा करने वाली एजेंसी, ने नोटबंदी पर हुए खर्च का अंदाजा 1,28,000 करोड़ लगाया है।
 
अधिया कहते हैं, "आपको लगता है कि सिर्फ बैंक में पैसा जमा होने से कालाधन सफेद धन हो जाता है? यह सफेद होगा जब इस पर टैक्स लगेगा। जब इंकम टैक्स डिपार्टमेंट नोटिस इश्यू करें, उनसे सवाल करें। हमारी आशा है कि सारा पैसा, जो बाज़ार में पहले था, बैंकिंग सिस्टम में लौट आएगा। जिससे हम ट्रांजेक्शन का पता कर सकें और सारे धन का भी। इसका मालिक कौन है? इस पर टैक्स चुकाया गया है कि नहीं? इनके जवाब मिलने के बाद ही। कालाधन रखने वाले किसी इंसान को छोड़ा नहीं जाएगा। भले ही उसने 50,000 रुपए 500 लोगों के अकाउंट में डाले हों। "     
 

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